You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस त्रयी काव्य-संकलन "काव्य-पारायण" में क्रमशः अंजू कालरा दासन "नलिनी", डॉ.विनय कुमार सिंघल "निश्छल" व डॉ.वीणा शंकर शर्मा "चित्रलेखा", तीन कवि/कवयित्रियाँ सम्मिलित हैं। यह इनका चौथा त्रयी काव्य-संकलन है।
तीनों की अपनी-अपनी सामग्री कई दिनों से तैयार थी। हुआ यह कि एक लघु खंड-काव्य "राम का अंतर्द्वंद्व" पहले से ही प्रकाशन के लिये भेजा जा चुका था। उसमें उक्त तीनों लेखक जी-जान से जुटे हुए थे और पीडीएफ में बार-बार संशोधन करने पड़ रहे थे। कल देर रात अन्तिम त्रुटिहीन पीडीएफ तैयार हुआ और उक्त खंड-काव्य की आगे की प्रक्रिया आज से आरम्भ हो गई।
अंजू , विनय, वीणा
नाम - अंजू कालरा दासन "नलिनी"
जन्म - 29 जनवरी 1965, दिल्ली
डॉ. विनय कुमार सिंघल "निश्छल" परिचय -
मेरा जन्म लाला प्रेम प्रकाश, बिजली वाले व श्रीमती प्रकाश वती के घर बाजार सीता राम, दिल्ली-११० ००६ में ११-०७-१९४९ (श्रावण मास के प्रथम सोमवार) को हुआ।
डॉ. वीणा शंकर शर्मा परिचय -
जन्म - 28.3.1957.
स्थान - उन्नाव.
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.