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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'कसक दिल की' अतुल मलिकराम द्वारा लिखित 'दिल से...' किताब का पाँचवाँ संस्करण है। लेखक के विचारों से ओतप्रोत यह किताब राजनीति, शिक्षा, प्रेरणा, समाज, संस्कृति और व्यवसाय जैसे महत्वपूर्ण विषयों को शामिल करती है। 'कसक दिल की' के लेख समाज की उधेड़-बुन, देश में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की जरुरत, प्रेरणादायी जीवन, राजनीतिक उठा-पटक, व्यापार आदि को नई दिशा देने के प्रयासों पर आधारित हैं।
इस किताब को लिखने का उद्देश्य समाज के प्रति लेखक के अनूठे विचारों और दुनिया को देखने के नज़रिए को पाठकों के सामने पेश करना है। समाज को लेकर अलग नज़रिया रखने वाले करोड़ों लोग, जो अपनी बात को शब्दों में नहीं पिरो पाते हैं, यह किताब उनके विचारों जाग्रत करने का काम बखूबी करती है। बात शिक्षा की हो या कलयुग में इंसानियत के बदलते रवैये की, लोकसभा चुनाव की सरजमीं में उथल-पुथल की हो या व्यवसाय को सफलता दिलाने के लिए नए तरीकों को अपनाने की, पूरी दुनिया में प्रसिद्ध भारत की सदियों से चली आ रही संस्कृति और संस्कारों को चक्की में पिसते देखने की हो या देश को आगे बढ़ाने में युवाओं के महत्वपूर्ण योगदान की, इस पुस्तक में शामिल हर एक लेख भावनाओं और विचारों का काफिला साथ लिए चलता है। अपने प्रेरणादायक लेखों के माध्यम से समाज को नए विचार देने का साहस रखने वाली यह किताब पाठकों के दिलों को गहराई से छू लेने का वादा करती है।
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अतुल मलिकराम एक भारतीय राजनीतिक रणनीतिकार, पीआर कंसल्टेंट, लेखक, समाजसेवी और एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट हैं। सन् 1969 में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक बिज़नेस क्लास परिवार में जन्में अतुल मलिकराम ने सन् 1999 में एक पीआर पेशेवर के रूप में अपना करियर शुरू किया और वर्ष 2006 में पीआर 24x7 की नींव रखी। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय राजनीतिक पृष्ठभूमि, खासकर मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे हिंदी भाषी राज्यों में, उन्होंने अपनी अलग छवि विकसित की है। मध्य प्रदेश में सिंधिया खेमे के बीजेपी में शामिल होने से लेकर, विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के कमान संभालने तथा हाल ही में संपन्न हुए 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी (एनडीए) के 294 सीटें लाने जैसी उनकी कुछ भविष्यवाणियाँ एक दम सटीक बैठी हैं।
अतुल मलिकराम एक जाने-माने लेखक हैं, जिनकी किताबें- 'दिल से', 'गल्लां दिल दी', 'दिल विल' और 'दिल दश्त' काफी लोकप्रिय हैं। एंगर मैनेजमेंट एक्सपर्ट के रूप में उन्होंने इंदौर शहर में देश के पहले एंगर मैनेजमेंट कैफे 'भड़ास' की शुरुआत की। उनके द्वारा स्थापित सामाजिक संस्था 'बीइंग रेस्पॉन्सिबल' के तहत निःस्वार्थ भाव से चार प्रमुख पहल की जा रही हैं। पूर्णतः निःशुल्क इन पहलों में केयर फॉर एल्डर्स, तेल-मालिश, दाना-पानी और नंगे-पैर शामिल हैं। बुजुर्गों के प्रति सामाजिक नजरिए को एक सकारात्मक दिशा देने के उद्देश्य से इंदौर शहर में संस्था के तहत तीन डे केयर सेंटर्स संचालित हो रहे हैं। इनमें से पहला डे केयर सेंटर अपार सफलता के साथ ग्यारह वर्ष पूर्ण कर चुका है। तेल-मालिश के अंतर्गत शहर के बुजुर्गों को जोड़ों आदि के दर्द से राहत दिलाने हेतु मालिश की सुविधा दी जाती है। 'बेज़ुबान हैं तो क्या हुआ, प्यास उन्हें भी लगती है' थीम पर दाना-पानी पहल के अंतर्गत गर्मी में प्यास से तड़पते पक्षियों के लिए मिट्टी के सकोरे और ज्वार-बाजरे का निःशुल्क वितरण किया जाता है। वहीं, पहल नंगे-पैर मासूम चेहरों पर खुशियाँ बिखेरने का सार्थक माध्यम बन चुकी है। इसके अंतर्गत बच्चों और महिलाओं को चिलचिलाती धूप के प्रकोप से बचाने के लिए चप्पलों का निःशुल्क वितरण किया जाता है।
भारत के बेहतर भविष्य के सृजन की योजनाओं के अनुरूप भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे सतत विकास लक्ष्यों में भी अतुल सराहनीय योगदान दे रहे हैं। #2030काभारत अभियान के माध्यम से देश में शून्य गरीबी और शून्य भुखमरी लाने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, जेल की व्यवस्थाओं में सुधार करने, सज़ा पूरी होने के बाद कैदियों को पुनः आम जीवन जीने के लिए प्रेरित करने और समाज द्वारा उन्हें फिर से आम नागरिक के रूप में स्वीकार करने जैसे प्रयास शामिल हैं।
समाज में परिवर्तन लाने में उत्कृष्ट भूमिका निभाने के लिए उन्हें, प्रतिष्ठित गॉडफ्रे फिलिप्स रेड एंड व्हाइट गोल्ड अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
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