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Khamoshiyan / खामोशियाँ

Author Name: Kaavyam | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

कविता अपने आप में पूर्ण नहीं होती है, उसे पूर्ण बनाता है; पाठक! पाठक जब उसे पढता है, उस कविता के हर्फ़-दर-हर्फ़ को अपने जीवन से जोड़ने की कोशिश करता है, अपने अनुभव में उसे ढूंढने की कोशिश करता है, उसे आत्मसात करता है, कविता तब ज्यादा सफल मानी जाती है। कोई भी कविता सिर्फ शब्दों, वाक्यांशों, अक्षरों और वर्णमालाओं से नहीं बनती है, अपितु यह भावनाओं का एक जीवंत संग्रह होती है, जो कवि के अंत: से निकलकर पाठक के मन में समा जाती है। 

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काव्यम

तेजस्वी और युवा लेखकों को एक मंच देने के लिए  सूरज सिंह जी ने काव्यम पब्लिशिंग कंपनी एवं सोशल वेलफेयर ट्रस्ट की स्थापना की जो देश के चुनिंदा रचनाकारों को मंच देने के लिए कटिबद्ध है। जहाँ आप बेबाक होकर बिना किसी से डरे बिना किसी की पैरवी के अपनी बात रख सके और आम जनमानस के दिल तक अपनी रचना को पहुँचा सके।

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