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Khayaalon Ka Guldasta / ख्यालों का गुलदस्ता

Author Name: Mamta Jha 'Medha' | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

कवयित्री ममता झा 'मेधा' की पहली पुस्तक "मेधांश" की तरह ही पुस्तक "खयालों का गुलदस्ता" विभिन्न भावों से ओतप्रोत है। जहां एक तरफ इस पुस्तक में रिश्तों की समझ को सांझा किया है, वहीं दूसरी तरफ इनकी कविताएं हमें भारत के विभिन्न त्योहारों के बारे में बता रही है। कहीं भक्ति भाव है तो कहीं जिंदगी की धूप छांव हैं। यह किताब कविताओं के विभिन्न रसों से भरा हुआ है।

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ममता झा 'मेधा'

कवयित्री ममता झा का जन्म 7 अगस्त को श्री कुबेर मणि झा के यहां डाल्टनगंज, बिहार (अब झारखंड) में हुआ। जन्म से ही वह बहुत मेधावी छात्रा थीं। इनकी शिक्षा दीक्षा डाल्टनगंज में ही हुई। कवयित्री ममता झा पहले शिक्षिका थी और साथ ही लेखन में इनकी रुचि रही। ऐसे में कोरोना काल में सोशल मीडिया के अनेकों पटलों के तरफ इनका रूझान हुआ। इनकी लेखन यात्रा यहीं से शुरू हुई। इन्होंने बहुत ही कम समय में लेखन जगत में अपनी पहचान बना ली। इनको इनकी लेखन से प्रसन्न हो 'मेधा' उपनाम से नवाज़ा गया। इनकी कविताओं का भावपक्ष अत्यंत हृदयस्पर्शी व मार्मिक है। इन्होंने कम से कम शब्दों में अपनी बात रखने की चेष्टा की है। वह अपनी कविताओं से बहुत सुलझी, भावुक एवं अपने जड़ों से जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं।

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