अपने माता -पिता का आभार प्रकट करती हूँ।
हम कितने भी बड़े हो जाएं, सिर्फ एक माता -पिता ही हैं जो हमेशा हमारा ख्याल रखते हैं।
उनका और बच्चों का रिश्ता सदा रहता है, चाहे फिर वो कहीं भी हो , दिखे या ना दिखे, वो सदा साथ रहते हैं ।
परमात्मा कहूं या ईश्वर, मुझे अभी कुछ पता नहीं वो क्या है, पर है कोई बड़ी शक्ति जो ये दुनिया चला रही है, बहुत -बहुत धन्यवाद करती हूँ।