लेखिका "अंजलि कुमारी" का जन्म 10 फरवरी 2002 को सिवान जिले के ग्राम जमापुर जीरादेई में एक साधारण परिवार में हुआ था।
उनके महज़ 3 वर्ष की आयु में ही उनके पिता (छोटेलाल प्रसाद) का निधन हो गया, जिसके बाद परिवार का सारा बोझ उनकी माता पर आ गयी।
लेखिका अपनी दसवीं तक की पढ़ाई ग्रामीण विद्यालय में ही पूरा की। लेखिका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति सचेत एवं लक्ष्य के प्रति जागरूक है। उनको बचपन से ही कहानी एवं कविता लिखने का बड़ा ही शौक है। वे अनेको कहानियां एवं कवितायें लिखी है, और अभी भी लिखती ही है। उन्होंने कक्षा दसवीं में प्रथम स्थान प्राप्त किया और वे अभी वर्ष 2020 में कक्षा12वीं की परीक्षा दी।
लेखिका अपने जीवन में सबको अहमियत देती है, जो सही होते है उनके साथ अच्छा व्यवहार तथा जो ग़लत होते है उनको सबक भी सिखाने के लिए सदैव तैयार रहती है। लेखिका के अनुसार इस मानव-जीवन में सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण चीज "प्रेम" हैं क्योंकि प्रेम से हम किसी को भी अपने अधीन कर सकते है। लेखिका प्रकृति-प्रेमी भी है।
समाज के नज़रों में भी लेखिका के लिए बड़ा ही सम्मान तथा उनसे बहुत ही उम्मीदें जुड़ी हुई है। वे दोस्ती, प्रेम तथा माँ-बाप की आदर को ही सबसे महत्वपूर्ण मानती है। वे कभी हारना नहीं चाहती है क्योंकि उनको खुद पर यकीन है न की अपनी किस्मत पर।
लेखिका "अंजलि कुमारी" का लक्ष्य यह है की वे आगे चलकर एक बहुत ही प्रसिद्ध एवं लोगो के दिल पर राज करने वाली लेखिका बने और लोगो को अपनी कहानियां और कविताओं के माध्यम से अपनी ओर आकर्षित करे।