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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palयह पुस्तक कुछ वरिष्ठ लेखकों की गण है। एक व्यक्ति लेखक तभी कहलाता है जब वह अपनी कलम का गुलाम हो जाये। लेखक की ज़िन्दगी हमेशा कलम और कागज के अधीन होती है। जिस प्रकार तीर और धनुष एक दूसरे के पूरक है उसी प्रकार कलम और कागज भी एक दूसरे के पूरक है और इन दो शस्त्रों का इस्तेमाल करके संसार के किसी भी कोने में हलचल मचाया जा सकती है। यह पुस्तक अंग्रेजी व हिंदी भाषा का प्रयोग करते हुए कल्पना और तथ्य पर आधारित है। पाठकों को इसमें हर प्रकार के लेख मिलेंगे । किताब इस उम्मीद पर प्रकाशित हुई है कि वह समाज में शांति, अहिंसा,अन्याय का बहिष्कार, काल्पनिक जीवन और प्रेरणा का स्रोत बने।
रत्ना सिंह
कशी के छोटे से गांव में रहने वाली 16 साल की रत्ना इग्यारवीं कक्षा में विज्ञान की छात्रा है। (विद्यालय - इंटरनेशनल हिन्दू स्कूल)आपको बचपन से ही कविता, कहानी, लेख आदि लिखने में रुचि रही है । एक अच्छे लेखक के साथ आप एक अच्छी वक्ता भी है। साहित्यिक प्रतियोगिताओं में अब तक कुल सात पुरष्कार जीते है जिनमे बेस्ट स्पीकर अवार्ड भी सम्मलित है। आपने कई किताबों में सह-लेखक के रूप में काम किया है। और साथ ही हिंदुस्तान टाइम्स व नेशनल मैगज़ीन में सम्पादक के तौर पर कुछ रचनाएँ भी प्रकाशित की जा चुकी है। कलम का दास आपकी दूसरी पुस्तक है।
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