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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“दर्द के एहसास तो बयान हो जाते है लफ्जों में…
खुशियाँ मिल जाये तो कोई गज़ल नहीं मिलती !”
इसलिये जिंदगी में दर्द का होना भी जरूरी है, तभी तो कलम चल पडेगी |
इस पुस्तक में रचयिता ने जिंदगी के कई पहलू को दर्शाने की कोशिश की है |
जिंदगी कोई ब्लैक ऐण्ड व्हाईट फ़िल्म नहीं | जिंदगी बनी है प्यार, नफरत, दोस्ती, दुश्मनी, कुछ गहरे घाव और कुछ मरहम जैसे लोगों के साथ से | रचयिता ने वैसे ही जिंदगी के कुछ रंगो को शब्दों में पिरोया है | जिसे पढते ही हमें याद आ जाता है हमारे जीवन का वो बीता वक़्त जब हम भी प्यार रंग में रंगे हुए थे, साथ ही वो रूठना, मनाना, किसी को खो देने का गम, किसी को पा लेने की खुशी, हार - जीत, सपनों को पुरा करने की जिद्द, वो गिर जाना, गिर के फिर उठना | कविता को सरल शब्दों में लिख कर रचयिता ने हर दिल में अपनी कविताओं की छाप छोड दी है | कुछ कविता आपका हौसला बढायेगी तो कुछ आपको जीने का नया नज़रिया सिखायेगी | इंतजार का दर्द या फिर उसे देखने की आस | पछतावे के आँसू और फिर जी उठने की खुशी इन सब एहसासों से आप तरबतर हो जायेंगे | कविता सिर्फ पढी नहीं जाती जी भी जाती है | रचयिता ने अपने अनुभवों से प्रेरित हो कर ये काव्य संग्रह प्रकाशित किया है | उम्मीद है आपको ये प्यार के रंगो से भरा काव्य संग्रह जरूर पसंद आयेगा |
राधिका जोशी शाह
राधिका जोशी शाह एक युवा कवयित्री और लेखिका है | रचयिता आय. टी. अभियंता होने के साथ साथ लफ्जों को एक उत्तम रचना में पिरोना बखूबी जानती है | रचयिता ने बहुत कम उम्र में कविता, गज़ल और शेर-शायरी लिखना शुरु किया | वह आपको प्यार के कई रंगो से रुबरु करवायेगी | और विशेषता ये है की हर उम्र के लोग इन की कलम से लिखे शब्दों को अपने एहसासों से जोड पाते है |
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