यह मेरा कुल मिला कर ८१ वाँ काव्य-संकलन है व ५१वाँ एकल काव्य-संकलन है। आज स्वास्थ्य कुछ अधिक ही गड़बड़ है अतः मैं इस उपोद्घात् को यहीं विराम दे रहा हूँ। पाठक इसे पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें।
मेरा जन्म लाला प्रेम प्रकाश, बिजली वाले व श्रीमती प्रकाश वती के घर बाजार सीता राम, दिल्ली-११० ००६ में ११-०७-१९४९ (श्रावण मास के प्रथम सोमवार) को हुआ। मैंने B.Sc.,LL.B. व गणित, विधि, हिन्दी, अँग्रेज़ी में स्नातकोत्तर अध्ययन के अतिरिक्त पत्रकारिता, ज्योतिष, अंक-विद्या, हस्त-रेखा विज्ञान, सामुद्रिक शास्त्र, गायन, पेंटिंग, पोर्ट्रेट्स, समस्त इनडोर व आउटडोर गेम्स, एथलैटिक्स आदि में दक्षता प्राप्त की।