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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइससे पहले की आप इस किताब को पढ़ना आरंभ करें, मैं आपसे आग्रह करुंगा की आप इन पंक्तियों को एक बार पढ़ लें। आपंकी ऐसा करने में पाँच मिनट से ज़्यादा का वक़्त नहीं लगेगा, अपितु आप समझ सकेंगे की यह किताब किस मानसिकता के साथ लिखी गई।
यह कोई लव स्टोरी या पूर्णतः रोमांस नहीं है, हा कुछ कण उसके देखनों को मिल सकते है। यह मूल से एक काल्पनिक कहानी है जिसे मैंने नवमी कक्षा में लिखा था, जी हाँ आप ने सही पढ़ा इस किताब को मैंने नवमी कक्षा में लिखा था और आज 6 साल बाद भी जब ये किताब आप तक पहुँच रही है इसमें कोई फेर बदल नहीं किया गया है। क्युकी मैं चाहता हूँ की लोग एक नवमी कक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थी की मानसिकता जान पाए।
रौद्र
'17 स्टोरी', 'सुरीला', 'पायलट' और 'विटामिन - एम' के बाद लेखक का यह पाँचवा किताब है।
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