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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस 'नए पत्ते' में पाठक खुद को तलाशते नज़र आएंगे। इस पुस्तक की एक एक कविता वर्तमान हालात का सच्चा आइना पेश करता है। कवितायेँ, जीवन की समझ और मानव की जद्दोजहद के साथ आगे बढ़ती जाती है। ये कविताएं कहीं पाठक को साथ लेकर चलती है तो कहीं उसे रास्ता बताकर आगे निकल जाती है।
सुभाष श्याम सहर्ष
आपकी कविताओं, ग़ज़लों, कहानियां, उपन्यास में समाज की स्पष्ट छवि दिखती है और इन छवियों को दुरुस्त करने के लिए आपकी कविता में मजबूती से तंज और उपहास भी दिखता है। जो मानवीय संवेदनाएं को उजागर करती हुई, मानव को सचेत रहने के लिए भी आगाह करता है। आपने कई कविताएं, कई ग़ज़लें, कहानियां और उपन्यास लिखा है। आप वर्तमान में शिक्षण के साथ-साथ लेखन से भी जुड़े हैं। आपके लेखन में प्रेमचंद,फणीश्वर नाथ रेनू, मुनव्वर राना, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, शकील बदायूनी, कैफ़ी आज़मी आदि झांकते प्रतीत होते हैं।
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