You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजब आप अपनी भावनाओ को अपने जुबां से बयां नहीं कर पाते, तो आपकी भवनाए शायरी या कविता के रूप मे ढल जाती है, और ये मेरी शायरी या कविता का छोटा का रूप है.. आशा करती हूँ आपको पसंद आएगा।
जब कोई अपने प्यार को देखता है , तो उसके मन में जो खूबसूरत भवनाए उत्पन्न होती है, तो वो शब्द के छंद में कैसे ढलती है, उसकी प्रकरण है ये किताब..
आप अपनी भवनाए अपने प्यार के सामने कैसे रखे जिससे उसके चेहरे पे एक मीठी सी मुस्कान आ जाए, अगर आप चाहते है तो कृप्या इसे पढ़ ले..।
धन्यवाद
आयुषी कश्यप
समस्तीपुर नाम के एक शहर की रहने वाली लड़की, जिसने आपनी 12वीं की पढ़ाई वही के एक छोटे से स्कूल साधना देवी विद्यापीठ स्कूल से की, और अब पिछले साल 12 वीं पास होके आगे की तयारी कर रही है। उसे हमेशा से लिखने का बहुत शौक था, पर छोटे से शहर से होने के वजह से किसी ने उसका साथ नहीं दिया, तो उसने अपना रास्ता खुद बनाया, और आज बहुत कड़ी मेहनत के बाद उसे ये अवसर मिला है की वो अपने लिखने की कला को आगे बढ़ाए,आप उसका साथ दिजिएय, अगर आपको उसकी किताब पसंद आए तो जरूर पढ़िएय।
सुक्रिया...
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.