Share this book with your friends

Sunayanaa / सुनयना

Author Name: Dr. Hiran Das Mahar | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

सुनयना दर्शनशास्त्र है विचार है चिन्तन का है दृष्टि ||
जौ ब्राह्माण्डै सोई काया पिण्डै स्वविचार है सृष्टि ||
नयी उड़|न है नयी कल्पना है नया तरंग और नया उमंड्०ग है ||
कुछ विग्यान है कुछ प्राकृति वर्णन है तो कुछ दु:ख-सुख भी संड्०ग है ||
लैला हास्टल कै डच साधू गूरू कबीरी गायत्री हाजी गुरदैवौ की जय ||
ईन गुरुजन से सै जौ भी मै समझ सका वौ सुनयना मे समाहित है | 
वक्त मिलै तौ सुनयना पढिऐ रसौ वै सह आनंन्द आऐन्गै || 
पढैगै तो आप परन्तू हम धन्य हौ जाऐगे ||

Read More...
Paperback

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

डॉ. हिरन दास महार

महार परिवार मै नानाश्री सोनू गऐ तो हम आऐ . ||
नानी फैकन बाई बौली मेरा डोकरा है ||
माताश्री लछ्मी बाई (बनी) पिता घरनाम  श्री आला श्री रामप्रसाद || 
जन्मा 'जगदीश' घर का नाम स्कूल मै लिखाया हिरन दास || 
कालरीकर्मी लैदरी साऊथ झगराखाण्ड जादा रहै उन्ही कै पास ||
दादी-दादा गरीब शुध्द किसान भूस्स दैहात चुकान निवास ||
मनैन्द्रगढ सै और अंबिकापूर सै शिक्छा दीक्छा एम ऐस- सी पास ||
गुरूजी रहाएक साल आदर्स शिसुमंदिर राजनगर बिजुरी ऐमपी ,
ऐक साल मिडिल सैन्ट्रल स्कूल डौमनहिल चिरीमिरी ,
 ऐक साल ऊच्चतर माध्यमिक विद्यालय नर्मदापुर मैनपाट सीजी || 
फिर महाविद्यालयीन सैवा सुरू सन् ऊन्नीस सौ अठ्ठासी ||
तब सै अब तक का अनूमव की है यह किताब ऐक लैखनी ||
पँ|च विषयौ मौ शौधौपाधि और एक दर्जन ईनाम ||
सुनयना कै पूर्व प्रकाशन है :
 जैववर्गिकी जैवविद्यूत सौनैटसान्ग संस्कृत सुमन ||

 

Read More...

Achievements

+4 more
View All