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Tambaaku Mukti Ki Or / तम्बाकू मुक्ति की ओर

Author Name: Dr. Rakesh Gupta | Format: Paperback | Genre : Self-Help | Other Details

क्या आप जानते हैं कि तम्बाकू खाना-पीना एक रोग है और इसे खाने-पीने वाला एक रोगी!? 

यदि आपका उत्तर "नहीं" है, तो निश्चित ही यह पुस्तक आपके लिए तो उपयोगी है और उन सभी रिश्तेदारों, मित्रों और/या सहकर्मियों के लिए भी जो कि तम्बाकू खाते-पीते हैं। 

यह पुस्तक तम्बाकू की हानियों और छोड़ने के लाभों के अतिरिक्त उपचार-प्रणालियों और परिणामों के अतिरिक्त तम्बाकू मुक्त बने रहने तरीक़ों को भी बताती है। क्योंकि यह आसानी-से-समझ में आने वाली भारत की पहली हिंदी पुस्तक है, अनेक इसका लाभ उठा चुके हैं।

आम जन के अतिरिक्त इस पुस्तक की उपयोगिता शिक्षा- व स्वास्थ्य- प्रबंधकों और राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में कार्यरतों के साथ-साथ सभी चिकित्सकों, परिचारिकाओं, परामर्शदाताओं, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की लिए भी है। 

भारत में तम्बाकू-जनित रोगों से पीड़ित ~4,000 वयस्कों को समयपूर्व मृत्यु से बचाया जा सकता है, समय रहते उनका तम्बाकू खाना-पीना छुड़वा कर। कृपया ध्यान दें, तम्बाकू खाना-पीना किसी भी आयु में छोड़ना इसके उपभोगी को एक स्वस्थ जीवन जीने में सहायक होता है। 

इसलिए ख़रीदें, पढ़ें और भेंट करें इस पुस्तक को उन सभी को जो तम्बाकू खाते-पीते हैं या वर्तमान में किसी तम्बाकू-जनित रोग से पीड़ित हैं। आप उनको पुनः एक स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा और उत्साह देंगे।

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डॉ. राकेश गुप्ता

 भारत में डॉक्टर राकेश गुप्ता अनूठे एकमात्र केन्सर शल्य-चिकित्सक हैं जिन्होंने अपना व्यावसायिक आर्थिक सुख छोड़ इस भयावह रोग की रोकथाम में जीवन समर्पित कर दिया है। 

इनकी इस आजीवन सतत प्रेरणा वे सभी तम्बाकू-जनित रोगों से पीड़ित व्यक्ति रहे हैं जो कि तम्बाकू खाना-पीना छोड़ असामयिक मृत्यु से बच सकते हैं। 

डॉ. राकेश विगत 20 वर्षों से तम्बाकू नियंत्रण से एक समर्पित कार्यकर्ता की तरह जुड़े हुए हैं। इन्होंने भारत में सर्वप्रथम धूम्रपान-रहित शहर (झुनझुनू, राजस्थान) की स्थापना के अतिरिक्त तम्बाकू-मुक्त कार्यस्थलों, अस्पतालों में ‘सिस्टम्ज़ अप्रोच’ और तम्बाकू उपचार केंद्रों के अलावा भारत की अब तक की सभी क्विटलाइनों की स्थापना में एक अहम भूमिका निभायी है। 

साथ ही, एक वृहद जनमानस को भी एक प्रभावी और सफलतम तम्बाकू नियंत्रण के तरीक़ों और लाभों से टी.वी., रेडियो, प्रिंट और सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षित और सशक्त करने के अलावा समाज के विभिन्न वर्गों और समाजों को भी सततता से तम्बाकू-मुक्त जीवन जीने हेतु जागरूक व प्रेरित करते रहे हैं।

पिछले दशक में डॉ. राकेश ने सघन रूप से राजस्थान, छतीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी बंगाल, तमिलनाड़ू, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के सेंकडों चिकित्सकों, दंत-विशेषज्ञों, परिचरिकाओं और परामर्शदाताओं को तम्बाकू नियंत्रण और उपचार में विशिष्टता से व्यक्तिगत रूप से प्रक्षिशण देने के अतिरिक्त अनेक अखिल भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठियों में एक अग्रणी वक्ता की भूमिका निभाई है।

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