इस संग्रह के अधिकाँश गीत श्रृंगार रस प्रधान हैं। श्रृंगार रस के संयोग और विप्रलम्भ, दोनों भेदों का कवि ने सफलतापूर्वक परिपाक किया है। 'मीत मिल गया', 'क्यों रोता है तू अहले दिल', 'जिंदगी ग़जल हो गई', 'कहाँ है वह पत्थर दिल', 'ओ बेवफ़ा बेवफ़ा,' याद करना नहीं याद आना नहीं', 'मेरे मन का प्यार' आदि गीतों में श्रृंगार रस की सफल निष्पत्ति हुई है।