Hindi

अच्छा होता
By Priyanka Rajput in Poetry | वाचलं गेलेलं: 411 | लाइक: 0
अच्छा होता  कोरोना न होता दिल में हर पल दबा सा डर न होता  अपना ही घर कैदखाना न होता जो घर पर नहीं घर पहुँचने में  अ  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 2,2020 05:49 PM
नज़रअंदाज़ी
By Priyanka Rajput in Poetry | वाचलं गेलेलं: 247 | लाइक: 0
तेरी नज़रअंदाज़ी का आलम ये है  कि हर गुजरता लम्हा चीख रहा  उसे इश्क है...उसे इश्क है!!! - ModernGirlOldValues   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 2,2020 06:33 PM
बहोत रूलाया है ।
By Ajahar Rahaman in Poetry | वाचलं गेलेलं: 811 | लाइक: 1
माही मुझे बहोत रूलाया है तुमने । अब छोड़ दो मुश्कराने के लिए । बहोत टूटा ,बिखरा ,हर हाल में रहता हूँ हर दम तुम्हारे पा  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 2,2020 07:33 PM
जब भारत में होगी क्रांति तब एशिया में होगी शांति।
By Master Tulsi Gyaan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 186 | लाइक: 0
https://educational3012.blogspot.com/2020/06/blog-post.html?m=1 अधिक समय तक शांति चाहते हो तो नापाक देश पाकिस्तान में कर दो बेमिसाल 50 धमाके!* लगे ऐसा जैसे कि  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 2,2020 09:13 PM
याद रखा
By Atul shagird in Poetry | वाचलं गेलेलं: 852 | लाइक: 4
कुछ उजड़ गया कुछ बिगड़ गया कुछ कल के लिए आबाद रखा तेरे क़दमों की आहट भूला दि मैंने तेरा लौट के आना याद रखा कुछ तनहा शा  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 2,2020 10:17 PM
Grahini
By Anjali Thakur in Poetry | वाचलं गेलेलं: 547 | लाइक: 7
गृहिणी हूँ मैं, घर ही मेरी कर्मभूमि,  परिवार के प्रेम की डोर से हूँ बंधी। देश सेवा में जुटे हैं योद्धा महान, हाथ जो  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 2,2020 10:52 PM
Majbooriyan
By Anshika Chauhan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 248 | लाइक: 0
चंद रुपयों के खातिर जो घर से इतना दूर हुए है, इस कॉरोना के चक्कर में  घर आने को मजबूर हुए हैं। भूके पेट और खाली जेब न  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 07:17 AM
मन में थोडी लगन हो..
By vaishnavi gundewar in Poetry | वाचलं गेलेलं: 517 | लाइक: 2
मन में थोडी लगन हो.... दुर जाने का सपना हैं.. कुछ कर दिखाने का जज्बा हैं.. क्युंकि मन में थोडी सी लगण हैं... सबको खुश रखणा ह  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 08:18 AM
जज़्बात
By Lavi Chauhan in Poetry | वाचलं गेलेलं: 231 | लाइक: 1
कि जान बचाने के आड़ में जान लोगे क्या , गर कहूं मैं की तुमसे बेतहाशां नफ़रत है तो मान लोगे क्या..!!  जो कुछ भी था रिश्त  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 01:18 PM
यह मरने मराने का ग़म
By gagan arya in Poetry | वाचलं गेलेलं: 626 | लाइक: 0
यह मरने मराने का ग़म  हमसे मत पूछो साहेबजिनकी उजड़ी हैं कोख़ेंपूछो तो उन माओं सेसुहाग़ उजड़ गऐ जिनकेपूछो उन बेवा  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 02:22 PM
Someone
By Ankita Kriplani in General Literary | वाचलं गेलेलं: 367 | लाइक: 0
Ek khawab sa tha wo pal, Jab tumne dastak di thi, Iss anjane se dil k darwaje ko. Teri wo gungunati aawaj sunn k hi mann pighal sa gaya, yuhi gungunana mera bhi shuru ho gaya. Teri wo Khilkhilati hasi Kaano me padte hi, muskan mere chere pe laa gayi.  Uss kudrat ka bhi kis tarike se shukriya ad  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 03:37 PM
My imagination
By ayushee singh in True Story | वाचलं गेलेलं: 280 | लाइक: 3
Duniya me bhut se aise log hai jo dusre logo ki Kami nikalte rhte hai . Unhe unke acchayi nhi dikhayi deti.  Wo sirf unki burayi pe dhyan dete hai .       Isi tarah ye bhi ek khani hai jo isi par aadharit hai.        Ek bar ek chote se gav me ek privar rhta th  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 04:25 PM
काश थोड़ा जी लिया होता…
By Rahul Desai in Poetry | वाचलं गेलेलं: 469 | लाइक: 0
सपनों की दुनिया को जीतने के लिए,काश, हमने वास्तविकता को थोड़ा पहचान लिया होता. आसमान को छूने के अरमान लिए,काश, हमने ज़म  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 05:27 PM
The elephant story
By Shraddha Joshi in True Story | वाचलं गेलेलं: 289 | लाइक: 1
क्या दोष था मेराजो मैं दुनिया भी देख ना सकी किस चीज की सजा दी मुझेजो अम्मा भी मुझे देख ना सकीइस दुनिया में लोग पूजते   आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 3,2020 10:57 PM
मीठा दोस्त
By Arjun in Poetry | वाचलं गेलेलं: 218 | लाइक: 1
मीठा दोस्त ======= सुन ना दोस्त  यू बहकी बहकी बाते करके तू ही मेरे पास आया था फिर जानने को मेरे सारे राज तूने ही मुझे बहक  आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Jun 4,2020 09:16 AM