Hindi
By
General Literary | वाचलं गेलेलं: 344 | लाइक: 0
in Ladki hogi ya ladka ( ek stri ki soch )
Aaj sab bohot khush hue kyuki aaj mene unko Itani badi khush आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 8,2020 06:17 PM
By
Poetry | वाचलं गेलेलं: 1,215 | लाइक: 0
in शेऱ (मतला)
मैं चाहता हूँ के जमीं पर ला पटक दूँ आसमाँ
फ़िर सोचता हूँ चाँद बहुतों में बँटेगा ख़ामखाँ
आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 11,2020 12:17 PM
By
True Story | वाचलं गेलेलं: 947 | लाइक: 1
in आज शाम जब मुझे भूख लगी तो अपनी माँ के पास गया और माँ की साड़ी का पल्लू पकड़ कर , खींचते हुए उससे शिकायती लहजे में कहा कि, � आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 14,2020 07:21 AM
By
Poetry | वाचलं गेलेलं: 744 | लाइक: 0
in हसरतें है मेरी के रहना है तेरे इतने करीब,
चाह कर भी हमें जुदा ना कर पाए नसीब..
हसरतें है मेरी के सुन कर तेरी हर बातें,
ब� आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 17,2020 04:28 AM
By
General Literary | वाचलं गेलेलं: 394 | लाइक: 2
in
गाने में खोई हुई संजीदा को छेड़ते हुए अर्पित ने कहा -
ऐसा अपने साथ भी हो सकता है।
संजीदा - तो.........
अर्पित - तो क्या, मेरी आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 18,2020 09:16 PM
By
Poetry | वाचलं गेलेलं: 347 | लाइक: 0
in ◆ एक नई पहचान ◆
कुछ अधूरे सपनो को लेकर ,फिर से ख्वाब बन रही हूं मैं ,
इरादे कमजोर हुए थे, सारे सपने चूर हुए थे
प� आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 20,2020 01:39 PM
By
Poetry | वाचलं गेलेलं: 995 | लाइक: 1
in सफर है जिन्दगी का तय तो करना होगा ।
कि सफर है जिन्दगी का तय तो करना होगा ।
लाखों कठिनाईयाँ आएगी जिन्दगी में ।
आगे बढन आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 20,2020 07:34 PM
By
Poetry | वाचलं गेलेलं: 1,199 | लाइक: 0
in बेमतलबउस शहर का भी क्या मतलब,जिसमें कोई हमदर्द भी ना हो।उस हमदर्द का भी क्या मतलब,जिसे मेरे दर्द की परवाह भी ना हो।उ आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 21,2020 10:09 AM
By
Poetry | वाचलं गेलेलं: 392 | लाइक: 43
in Zindagi khatam e gulzar hoti hai
Bus qatm yuhi her baar hoti hai
Kuch toh badalte chale iss zamane me Shamma yuhi
nahi roshan her baar hoti hai....
Aye hasrat guzar tu bhi sunle
teri bewafai key itne kisse hai
ek din key liye hi sahi wafa chu आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 21,2020 04:03 PM
By
Poetry | वाचलं गेलेलं: 1,092 | लाइक: 0
in विघ्नहरण, मंगलकरण की वंदना से अपनी रचना प्रारम्भ करती हूँ...
हे आदिदेव !हे प्रथम पूज्य !
रिद्धि -सिद्धि के स्वामी !
शु� आणखी वाचा...
प्रकाशनाची तारीख Sep 21,2020 09:25 PM