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Aadi / आदि दी एंजेल ऑफ़ बनारस

Author Name: Subhash Shyam Saharsh | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

जीवन सत्य, असत्य, झूठ, सच इत्यादि जैसी चीजों में उलझी रहती है। फिर जिंदगी की घड़ी भी इतनी कम होती है कि जिंदगी को समझना नामुमकिन सा हो जाता है। जिंदगी की कल्पना, जिंदगी के चीजों की कल्पना, जिंदगी के कई आयामों की कल्पना, स्वयं मानव के द्वारा की गई है। मानव ने अपने समझ  से हर चीज को निर्मित किया परंतु उस समझ को समझने में मानव स्वयं असफल रहा है। मानव द्वारा रचा गया झूठ, सच, सत्य, असत्य, बड़ा, छोटा सब कहीं ना कहीं उसे ही घेरता रहा है। मानव ने हर वह चीजें बनाई जिसकी उसे जरूरत थी। पर बाद में स्वयं मानव उन सब चीजों के बंधनों से मुक्त नहीं हो पाया। और जिंदगी रहस्य से शुरू होकर रहस्य में अंत होती रही है। इन्हीं सब दार्शनिक चीजों को मुख्य केंद्र बिंदु के रूप में इस पुस्तक में दर्शाया गया है। जहां एक आम मन जिंदगी को समझने की कोशिश करता है वहीं दूसरी तरफ व उलझता भी रहता है। धर्म, अधर्म, सत्य, निष्ठा, द्वेष, घृणा, प्रेम आदि आयामों को समझने की चेष्टा इस उपन्यास में की गई है। इस उपन्यास में जहाँ विचारों की चिरंतन धरा बहती है वहीं प्रबुद्ध मानसिकता का उदय भी दीखता है। कहानी में एक नए बदलाव की बयार है। विचारों का मंथन है। स्वयं की खोज है।  

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सुभाष श्याम सहर्ष

सुभाष श्याम सहर्ष 
देश: भारत 
शिक्षा: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी, उत्तरप्रदेश 
आपने कई कविता संग्रह और कहानियाँ लिखी हैं। आपकी कहानियों कविताओं में जान मानस का संघर्ष मुखर हो कर बोलता प्रतीत होता है। मानवीय संवेदनाएं आपकी रचनाओं में विशेष रूप से प्रतिबिंबित होता दिखता है। आपकी 41  रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। 

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