मैंने बाल कविताएं लिखते हुए बच्चों की उम्र, उसकी भाषिक संरचना तथा उसकी सोच और समझ का पूरा ख्याल रखा है. बाल कविता के रूप में अपना तीसरा संकलन रखते हुए मुझे अत्यधिक खुशी हो रही है. मैं इसके लिए विशेष तौर से साहित्य धरा अकादमी का शुक्र गुजार हूं,कि उन्होंने यह अवसर मुहैया कराया. मुझे उम्मीद है कि ये बाल कविताएं आपके द्वारा पसंद की जाएंगी.
-डॉ.जियाउर रहमान जाफरी
सहायक प्रोफेसर
स्नातकोत्तर हिंदी विभाग
मिर्जा गालिब कॉलेज गया बिहार
9934847941