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Darpan Maa Ka Pratibimb / दर्पण माँ का प्रतिबिंब

Author Name: Manisha Saraswat, Nikhil Jain | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

दर्पण माँ का प्रतिबिंब

बेटियां माँ का प्रतिबिंब बन, घर में सुख के दीप जलाया करती है। माँ बेटी का रिश्ता आज से नहीं अपितु अनंत काल से चला आ रहा है। बेटियां माँ की परछाई के समान होती है। माँ से संस्कार प्राप्त कर जिस घर में गृहलक्ष्मी के रूप में प्रवेश करती है उस घर की झोली को खुशियों से भर देती है। परन्तु बहुत खेद की बात है कि एक ओर हम बेटियों को देवी का दर्जा दे रहे है और दूसरी ओर हम बेटियों का ही शोषण कर रहे है। रोज अखबार में बेटियों पर हो रहे शोषण की खबरें मिलती है। यह कैसा समाज है जहाँ एक तरफ हम नवरात्रि में कन्या पूजन करते है और दूसरी तरफ बेटी होने पर हम गर्भपात करवा देते है।

"दर्पण- माँ का प्रतिबिंब" पुस्तक के माध्यम से हमने समाज की उन ज्वलंत समस्याओं को उभारा है। आशा करते है इस पुस्तक में निहित कृतियाँ पढ़कर हमारे समाज में कुछ बदलाव आयेगा।

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मनीषा सारस्वत, निखिल जैन

मनीषा सारस्वत, सोलह कलाओं से पूर्ण श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन, मथुरा (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली है। इन्होंने वाणिज्य से स्नातक किया है और अब एल.एल.बी. तृतीय वर्ष की छात्रा है। लेखन कला पारिवारिक रूप से प्राप्त है। सृजनात्मक लेखन में इनका रुझान प्रारंभिक अवस्था में है। आप इनको इंस्ट्राग्राम पर फॉलो कर सकते हैं @saraswatharshi ई-मेल करने के लिए manishasaraswat05@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।

निखिल जैन, एक लेखक हैं, जो की धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते है। इन्हे अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्रा करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता का बेहद शौक रखते है। इन्हें लिखना पसंद है, और इनका मानना है, कि लेखन से हम अपनी आंतरिक भावनाओं का भली भांति बखान कर सकते है। ये 30 से अधिक पुस्तकों के संकलनकर्ता रह चुके है और इनके स्वयं के दो  ऑनलाइन प्रकाशन "Unité Publication" और love.vibes143 भी है। इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं - इंस्टाग्राम :  @love.vibes143, ईमेल -love.vibes143@outlook.com

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