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Krishnaleela Vallari / कृष्णलीला वल्लरी

Author Name: Mala Thakur | Format: Hardcover | Genre : Poetry | Other Details

कृष्णलीला वल्लरी प्रेम पुंज का संवर्धन कर, जीव के जीवन को निर्मल बना, कर्म कुंज की चक्रीय यात्रा के विसर्जन का मार्ग निर्देशित करती है। ब्रह्म की पावन लीला, चित्त से अहंकार को निवृत्त कर, जीवन रूपी मधुवन को, रस भरी भक्ति से सुरभित करती है। गीता के माध्यम से जीव के भव, भय, मत्सर, आदि दुर्गुणों का क्षय कर, कर्म की अद्भुत गाथा का वर्णन करती है। वर्ग भेद का निर्मूलन कर, जीवन में मित्र को सर्वोत्कृष्ट स्थान प्रदान करती है। गीतों एवं भजनों की श्रृंखला हृदय को आनंद से भाव विभोर कर देती है।

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माला ठाकुर

कवयित्री माला ठाकुर का जन्म भारत के हृदयस्थल मध्यप्रदेश के बालाघाट नगर के शिक्षक परिवार में हुआ।
बचपन से ही हिन्दी एवं बँगला साहित्यकारों को पढ़ने में विशेष रुझान रहा। बी.ए. शिक्षित कवयित्री ने 2012 तक अपने जीवन के सफलतम 29 वर्ष भारतीय स्टेट बैंक में सेवा प्रदान करते हुए वरिष्ठ सहायक पद से सेवानिवृत्ति ली। साथ ही अपनी काव्य रचनाओं एवं नारीशक्ति स्वर के लिए काव्य गोष्ठियों तथा आकाशवाणी बालाघाट में आमंत्रित की जाती रहीं। 2018 में प्रथम कृति “रामचरित अँजुरी” का प्रकाशन हुआ। सुधि पाठकों की हार्दिक सराहना से प्रेरित होकर “कृष्ण लीला वल्लरी” लिखने का प्रयास साकार हुआ।

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