‘तस्वीर-ए-दिल’ आप की ख़िदमत में पेश है । शायरी दिल की आवाज़ होती है । और अगर ये आपके दिल को छू सके तो मैं इसे अपनी ख़ुशनसीबी समझूँगा । इस काव्यसंग्रह में 27 ग़ज़लें, 89 मुक्तक 20 हायकु और 41 कवितायें (नज्म) व गीत हैं ।
मैं प्रात: स्मरणीय अपने पूज्यपिताजी (स्मृतिशेष) श्री राजमणि निषाद तथा माताजी श्रीमती सुभागी देवी और अपने परिवार के समस्त सदस्यों विशेषकर अपने तीनों अग्रजों श्री अजीत कुमार निषाद (उप प्रधानाचार्य, सरदार पटेल इण्टर कालेज, बरौंसा, सुल्तानपुर), श्री अनिल कुमार निषाद (एडवोकेट), डॉ. अजय कुमार निषाद (शिक्षक, प्राइमरी पाठशाला, देवराजपुर, कुशीनगर) का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, जिनके असीम प्रेम, आशीर्वाद, उचित मार्गदर्शन और आर्थिक सहयोग के बिना यह काव्यसंग्रह पूर्ण हो पाना असम्भव था | मैं अपनी भतीजी (श्रीमती पूनम, सोनम) एवं भाभी श्रीमती प्रमिला निषाद और श्रीमती रश्मि निषाद का भी आभार व्यक्त करता हूँ जो इस काव्यसंग्रह को शीघ्र पूर्ण करने के लिए निरन्तर टोंकते रहे हैं ।
मैं अपने मौसेरे भाई श्री देवतादीन निषाद (एडवोकेट) और श्री सुरेन्द्र कुमार ‘गुरूजी’ (एडवोकेट) का आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने ने सदैव उचित मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन प्रदान किया |