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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palनमस्कार मित्रों मैं सृष्टि शिवहरे पेशे से एक लेखक हूं मैं मेरा पिता का सपना पूरा करने के लिए लेखक बनी और आज इस मुकाम पर हूं जहां मैं बहुत सारे लेखकों की मदद करके उनका उत्साह बढ़ाती हूं और उनके वर्षों से चले आ रहें सपने को पूरा करती हूं मेरे पिता स्व. श्री रामहरी शिवहरे और माता श्रीमति ममता शिवहरे हैं मेरे पापा के जाने के बाद मां ही मेरे प्रेरणा है जो मुझे हमेशा आगे बढ़ने का मार्ग दिखाती हैं मेरे पापा को गए दो साल चार महीने हो गाए उनकी बहुत याद आती हैं उन्ही के नाम पर मैंने अपना पब्लिकेशन खोला है जिससे मैं सभी लेखकों की मदद करती हूं SRSD Publication और नया सवेरा हिंदी पत्रिका दोनो से मैं लोगो की मदद करती हूं , आज मैं मेरी नई पुस्तक जो कि एक सांझा संकलन है " अब नारी की बारी " में आपका स्वागत है इस संकलन में 22 लेखकों ने अपनी कविताएं अंकित की है ये सभी लेखक देश के कोने कोने से आए है मैने इनके किताब में कविता छपने के सपने को पूरा करने में मदद की है इस किताब का मुख्य उद्देश्य है कि समाज में नारी को सही और समानता का स्थान दिया जाए उसको किसी प्रकार का डर नही रहे खुद को सुरक्षित महसूस कर पाए हम ऐसा समाज चाहते हैं उम्मीद है आपको हमारा ये संकलन जरूर पसंद आएगा और अगर ऐसा हुआ तो हम सफल हो जाएंगे अपना प्यार और सपोर्ट बनाए रखिए ।
सृष्टि शिवहरे
इनका नाम सृष्टि शिवहरे है । महत्वाकांक्षी लेखकों के लिए, सृष्टि शिवहरे एक महान प्रेरणा हैं । इन्होंने 35 से अधिक पुस्तकों में अपने महत्वपूर्ण योगदान के साथ अपना लेख प्रकाशित किया है, इनकी स्वयं को 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिसमे से आठ संकलन हैं जिनको स्वयं इन्होंने ही संकलित किया है । ये पढ़ाई में होनहार छात्राओं में से एक है , इन्होंने भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय से पढ़ाई पूरी की है और बीएससी में प्रथम श्रेणी प्राप्त की इसके अलावा इन्होंने आई.टी.आई. ( इलेक्ट्रिकल C.O.E ) का डिप्लोमा किया है जिसे भी इन्होंने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है । इन्हें लेखन के प्रति रूचि अपने पिताजी से मिली ..
इनके पिता स्व. रामहरी शिवहरे जी और माता श्री मति ममता शिवहरे जी हैं । इनके पिताजी ने शायरी, ग़ज़ल और अन्य साहित्यिक कृतियों के गायन से इन्हें प्रोत्साहन दिया । बाल्य काल की उम्र से ही महज छठवी कक्षा से ही इन्होंने कविता लिखना शुरू कर दिया था । ऐसे ही इनकी रुचि लेखन के प्रति बढ़ती गई ।
दुर्भाग्यपूर्ण आज इनके पिताजी इनके साथ नहीं हैं पर वह अपने पिता को आज भी बहुत याद करती है । इनके लेखिका बनने का सपना इनके पिता का ही था जो इन्होंने उस सपने को साकार कर दिखाया । और आगे और बड़ी लेखिका बनने के लिए ये अग्रसर है । और ऐसे लेखकों को जो अपनी कविता प्रकाशित करने का सपना संजोए हैं उनके सपनों को साकार करना इनका मुख्य उद्देश्य है ।
इनकी प्रकाशित किताबें
1 शब्दों की जादूगरी
2 हाल ए दिल कैसे कहूं
3 रूहानी जज़्बात
4 जज्बाती परिंदे
5 नारी शक्ति
6 नारी शक्ति की ज्वाला
7 वूमेन एंपावरमेंट
8 मेरे पापा
9 हवाओं में इश्क
10 आया सावन सुहाना
11 बातें दिल की
12 आजादी के दिन
13 आया सावन सुहाना
14 कलम के फकीर
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