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Abhi kuch baaki hai / अभी कुछ बाकी है मैं फिर लौटूंगा

Author Name: Naresh Panghal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

संकलन कविताओं का एक संग्रह है। जिसमे बीते समय की जरूरत के साथ वर्तमान की दशा को बताया गया है। माता–पिता का प्यार अदभुत है,उनके महत्व को जीवन का मार्गदर्शक दिखाया हैं। समाज के सच और झूठ को कविताओं में दर्शाया गया है। एक तरफ जहां महिला सशक्तिकरण,नारीवाद और उनकी आवाज को मजबूती से उठाया गया तो वही दूसरी ओर महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों का गलत उपयोग पर भी सवाल उठाया गया है।सारे इल्जाम सच नहीं होते,कुछ बेगुनाह भी सलाखों में बंद होते हैं,उनकी पीड़ा का उजागर किया गया है।मंजिल आसान नहीं संघर्ष को हथियार बनाकर सदा लड़ते रहने को ही जीना बताया हैं। समाज से उम्मीद मत रखना,पारदर्शी आईना दिखाया गया। ख्वाहिशें कभी खत्म नहीं होती,कुछ बाकी रह जाती हैं

इसलिए सब खत्म नहीं हुआ है,यह शुरुआत है

""अभी बहुत कुछ बाकी है, मैं फिर लौटूंगा""

पुस्तक सपनों के सच होने का इंतजार हैं।

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नरेश पंघाल

मैं नरेश पंघाल। मेरा जन्म 18 जून 1998 को हिसार जिले (हरियाणा) के आर्य नगर गांव में हुआ था। हमारा पैतृक गांव गंगवा था, लेकिन किसी कारण से मेरे पिता परिवार के साथ 1988 (लगभग) के आसपास आर्य नगर आ गए। मेरे पिता एक छोटे किसान हैं। मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के एक निजी स्कूल से की। खराब आर्थिक स्थिति के कारण मैंने माध्यमिक शिक्षा गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए मैंने 2016 में शहर के लॉ कॉलेज में प्रवेश लिया। पढ़ाई के साथ-साथ मेरी विशेष रुचि लेखन में थी। लेकिन किसी कारणवश मैंने कॉलेज जाने से पहले कभी इस तरह की गतिविधि नहीं दिखाई। लेकिन कॉलेज जाने के बाद पता ही नहीं चला कि लिखना कब मेरी आदत बन गई। मेरे लिखने की आदत में मुझे कभी परिवार का साथ नहीं मिला क्योंकि मेरे माता-पिता अनपढ़ हैं। वे कभी नहीं जानते कि मैं क्या करता हूं या क्या नहीं। मैंने 2021 में कानून में अपनी पेशेवर डिग्री प्राप्त की और अब जिला अदालत हिसार में एक वकील बन गया।

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