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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअप्रतिम व्यक्तिमत्व
कितना खालीपन होता है जीवन में से एक शख़्स के चले जाने से, कहते हैं कि अपनों की एहमियत समझ आती है जब वो नहीं होते तब, वास्तव में सच ही है। जब वो थे तो सिर्फ रिश्ता था, आज नहीं हैं तो हमारे हाथ खाली और खुशियाँ सूनी सी हैं, क्या किसी के यूँ अचानक जाने से जिंदगी रुक जाती है, नहीं! जिंदगी किसी के जाने से नही रुकती लेकिन एक रिक्तता ठहर जाती है सदैव के लिए, मानो शून्य बायीं ओर से दायीं और रख दिया गया हो ऐसा ही बदलाव आता है जीवन में, जब कोई अपना अजीज हाथ छुड़ाकर हमेशा के लिए संसार से विदा ले लेता है। गरुड़ पुराण के अनुसार संसार की गति ही है आवागमन की फेरी, फिर रिश्तों में ऐसी गहराई ने ठौर बनाया ही क्यों।
कहने को तो इंसान की देह विदा होती है किंतु यादें सदैव चलचित्र की भाँति चलायमान रहती हैं। जिनकी यादों की गहराई मापना लगभग असंभव ही है, उनकी स्मृतियों को चेतना में स्थिर कर कुछ पंक्तियों में श्रद्धासुमन अर्पित करने का कोई और उपाय हमें सूझा ही नही, काका के प्रति अपने प्रेम के रूप में हमारी तुच्छ भेंट है ये काव्यंजलि के रूप में हमारी "अप्रतिम व्यक्तिमत्व - हमारे प्यारे चाचा" आशा है सभी को पसंद आयेगी और काका जहाँ भी होंगे हमें अपना आशीर्वाद प्रदान कर कृतार्थ करेंगे।।
- हमारे प्यारे चाचा
संजना जैन, निखिल जैन
संजना जैन एम कॉम की पढ़ाई कर रही हैं। अभी उनका सी ए का आख़री वर्ष चल रहा हैं। इन्हे पढ़ना काफ़ी अच्छा लगता हैं। जब मन करता हैं ये इनके मन की बात को कागज पर उतारना पसंद करती हैं।
निखिल जैन, पेशे से व्यापारी, शौक से लेखक धुले, महाराष्ट्र से संबंध रखते हैं। इन्हें शैक्षिक तौर पर बीबीएम एवं एम बी ए की डिग्री प्राप्त है। इन्हें अपना ज्ञान दूसरो के साथ साझा करना, यात्राएँ करना, नई नई खोज करना और रचनात्मकता से अपनी प्रतिभाओं को बेहतर बनाना अत्यंत प्रिय है। इन्हें लिखना पसंद है, क्योंकि इनका मानना है, कि लेखन से हम अपनी आंतरिक भावनाओं का भली भांति बखान कर सकते हैं, क्योंकि जो कहा नहीं जा सकता उसे लिखकर व्यक्त करने में आसानी होती है और व्यक्ति का हृदय और मस्तिष्क दोनों को प्रभावित किया जा सकता है।
बतौर लेखक अपनी यात्रा का प्रारंभ करने वाले निखिल ने लेखन जगत में हो रही राजनीति के दुष्प्रभावों को नजरंदाज ना करते हुए नव लेखकों के हित में कार्य करने हेतु कुछ प्रयास करने का सोचा और इसी सोच के चलते नव लेखकों की प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करने के लिए स्वयं का प्रकाशन स्थापित किया और इसी दौर में ये अब unité publication और love.vibes143 publication के संयोजक हैं। ये स्वयं 300 से अधिक पुस्तकों में बतौर सह लेखक एवं 75 से अधिक पुस्तकों के संकलक रह चुके हैं।
Bap publication में संपादक प्रबंधन की भूमिका निभाने वाले निखिल जैन मुक्तिका नामक ई_संस्था का कार्यभार भी बखूबी संभाल रहे हैं।
हाल ही में निखिल जैन के नाम Inkzoid Books of Records के तहत दो विश्व रिकॉर्ड्स दर्ज किये गए हैं, जिनमें से एक "100 Sainos" और एक "गागर में सागर" नामक पुस्तक के नाम दर्ज हैं जो स्वयं में अनूठी पुस्तकें हैं।
Lovers.stop_143 नामक एक ई_पेज के सहायक प्रबंधन के तौर पर भूमिका निभाने वाले निखिल सदैव प्रयासरत रहते हैं, कि नव युवाओं को एक मंच प्रदान किया जा सके।
इनसे जुड़ने के लिए आप संपर्क कर सकते हैं -
इंस्टाग्राम :- @love.vibes143
ईमेल :- love.vibes143@outlook.com
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