Share this book with your friends

ANANT PATH PAR / अनंत पथ पर

Author Name: RAJENDRA JHA | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

यह किताब एक कहानी संग्रह है जिसमें लेखक की सत्रह पसंदीदा कहानियाँ संकलित हैं । सामाजिक बन्धन, भौतिकवादी संस्कृति, ग़रीबी, समाज का शोषित वर्ग, सामाजिक मूल्यों का विघटन आदि समस्याओं का सूक्ष्म विश्लेषण एवं चिंतन इन कहानियों के माध्यम से लेखक ने किया है । 

एक थैलेसीमिया रोग पीड़िता जीवन से निराश होकर एक बंद कमरे में अपने विचारों को चित्रित करती है, लेकिन नियति उसे ले जाती है ‘अनंत पथ पर’ । कहानी ‘स्वप्न सारांश’ जीवन का मर्म समझाती है तो ‘रेल की पटरी’ सामाजिक बन्धन की आहट और उससे निकलने की छटपटाहट दिखाती है । कहानियाँ- ‘अपराध-बोध’, ‘दुपहिया’, ‘जीवन संध्या’ सामाजिक बन्धन और मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार की कुण्ठा को दर्शाती हैं तो ‘स्नेह-स्पर्श’ भौतिकवादी संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के विघटन की कहानी है । यथार्थ का बोध कराती और भी कहानियाँ हैं इस कहानी संग्रह में...

लेखक का अपनी रचना के पात्रों एवं घटनाओं के माध्यम से विभिन्न सामाजिक, नैतिक एवं पारिवारिक मूल्यों की विशेषता को उजागर करना तथा उसे पाठकों के संज्ञान संज्ञान मे लाने का प्रयास है यह कहानी संग्रह... अनंत पथ पर...

Read More...
Paperback
Paperback 250

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

राजेन्द्र झा

रांची (झारखंड) में जन्मे और पले-बढे, राजेन्द्र झा पेशे से सरकारी अधिकारी हैं और ‘जी.एस.टी. एवं सीमा शुल्क विभाग, भारत सरकार’ में अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं । साहित्य सृजन इनका जुनून है और ये खुद को लेखक कहलाना ज़्यादा पसंद करते हैं । उनका मानना है कि लेखन उनके लिए ध्यान व समाधि का एक रूप है जो उनके मस्तिष्क को सकारात्मक रूप से उत्प्रेरित करता है।

कहानियाँ वे अपने विद्यार्थी जीवन से ही लिखते रहे हैं । नौकरी में आने के बाद भी अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर कहानियों का सृजन करते रहे हैं, जो समय-समय पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही है । पिछले वर्ष उन्होंने अपने संस्मरणों के संकलन को एक पुस्तक का रूप दिया जो ‘स्मृति... मेरी क़लम से’ शीर्षक के नाम से प्रकाशित हुई है । इसके अलावा उनकी पाँच और किताबें (साझा संग्रह) भी प्रकाशित हुई हैं- काग़ज़ की कश्ती (ग़ज़ल संग्रह), धूप के दीप (काव्य संग्रह), नारी-एक आवाज़ (काव्य संग्रह), अनुभव ज़िन्दगी का (संस्मरण संग्रह) एवं क्षितिज : शब्दों का आसमाँ (लघुकथा संग्रह) ।

लेखक वर्तमान में वडोदरा (गुजरात) में पदस्थापित हैं और वे अपनी धर्मपत्नी और अपने दोनों बच्चों- बेटी साक्षी औऱ बेटे शाश्वत के साथ वडोदरा में रहते हैं । लेखक से ईमेल rnjha02@gmail.com द्वारा संपर्क किया जा सकता है ।

Read More...

Achievements

+4 more
View All