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Anjita Ek Darpan / अंजिता एक दर्पण

Author Name: Anju Diya Aaru | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

अंजिता-'एक दर्पण' शीर्षक की यह पुस्तक आपकी अपनी मनोस्थिति है,अपना अपना व्यवहार है,आपका अपना आईना है,जो शब्दों के जरिये..मन की हर भावना को दर्शाता है,चाहे वो आपके दिये आँसू हो या आपकी दी हुई मुस्कुराहट हो!

"अंजिता" उस "मैं कौन हू्ँ"का हस्ताक्षरित जबाब भी है..जिसे हर कोई ताउमर तलाशता है..

"अंजिता"किसी स्त्री की कहानी नहीं बल्कि मन की एक भावना है...स्त्री और पुरूष का मन अलग नहीं होता..बस दोनों की बाह्य बनावट का फर्क है..सोच दोनों ही समान रखते है..कश्मकश दोनों ही समान रखते हैं।

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अंजू दीया आरु

लेखिका अंजू दीया आरू ऐसी लेखिका है जो अपने बच्चों का नाम अपने नाम के साथ उपनाम के रूप में लिखती है..इनका नाम अंजू अनिल चौधरी है..ये एक गृहणी है..जो लेखन में रूचि रखती है..इनकी पृष्ठभूमि में अर्थात मायके और ससुराल में कोई हिंदी साहित्य में रूचि नहीं रखता..सभी व्यवसायिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोग हैं।

अपनी लेखिका का जन्म उत्तरप्रदेश के जिला फिरोजाबाद के शिकोहाबाद अर्थात दारा शिकोह की नगरी में २ अगस्त १९८४ को रविवार को सुबह तीन बजे हुआ था...तीन बजे अर्थात तीसरे पहर की कवितायें लिखने में लेखिका माहिर है..लेखिका ने बी. एस. सी .विज्ञान वर्ग से की है..और एम. एस .सी. जंतुविज्ञान से..और बी.एड. भी कर रखी है..डायरी लेखन ,पत्रलेखन और काव्य लेखन में रूचि रखती है ...इन दिनों महाराष्ट्र में रह रहीहै..अपने बच्चों और लेखन में व्यस्त है।

" बंधनों में बंधी हुई...बंधन मुक्त लेखिका है अपनी अंजू जी "

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