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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस समय संसार में नास्तिकों की संख्या तेजी से बढ़ती चली जा रही है इसका क्या कारण है, यही जानने और समझने के लिए मैंने नास्तिक दर्शनों का अध्ययन प्रारंभ किया। वह दर्शन जो कुछ भी कहता व बताता है, वह आपके सामने पुस्तक के रूप में प्रस्तुत है।
अक्सर अधिकतर लोग विज्ञान को नास्तिक या आस्तिक की नजर में देखते व बताते हैं। लेकिन विज्ञान के साथ ऐसा नहीं है, यह जानकारी एकत्र करने के लिए निरंतर खोजबीन में प्रयासरत रहता है।
ज्ञान मात्र खोजो का संगम है जो कि जनता के सामने प्रत्यक्ष प्रमाण लाता है, उसका आस्तिक और नास्तिक से कोई लेना देना नहीं है।
कृपया इसे अध्ययन करें और यदि कोई कमी महसूस हो तो अवगत कराएं तथा जानकारी बढ़ाने में सहायता करें ।
धन्यवाद
अब्दुल वहीद
मेरा नाम अब्दुल वहीद है मेरे पिता का नाम स्वर्गीय हाजी उबैदुर्रहमान है व माता का नाम जैबुन्निसा है । मैंने बचपन से ही वैज्ञानिक विचारधारा को पसंद किया है और शांत स्वभाव व पुस्तकों से लगाव रहा है । जिससे मेरी रोज जिज्ञासा रुचि निरंतर नए - नए खोजो को जानकारी में प्रयुक्त रहा है । मैं BSc करते समय पालीटेक्निक में सेलेक्शन हो गया था , लेकिन दुर्भाग्यवश अधूरा रह गया था क्योंकि पिता और भाई का सर्वगवास हो गया था । मेरे पिता जी की दो बातें जो , मेरे जीवन के लिए अत्यंत अनमोल है प्रथम - इमानदारी से कमाओ झूठ का सहारा मत लो , दूसरा अन्न की इज्जत करो और जितना खाना हो उतना ही लो । इसलिए घर की जिम्मेदारी , फिर बाद में विवाह हो जाने के कारण शिक्षा अधूरी रह गई । फिर भी हिम्मत नहीं हारा और आज आपके सामने मेरे विचारों के रूप में पुस्तक उपलब्ध है । यदि कोई जानकारी अधूरी रह गई हो तो कृपया जरूर अवगत कराये ।
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