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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअद्भुत, अतुलनीय, अविश्वसनीय एवं अकल्पनीय ही कहा जाना चाहिए। जी हां, केयबुल लामजाओ कुछ ऐसा ही है। केयबुल लामजाओ वस्तुत: एक जल में तैरता हुआ वन्य जीव अभयारण्य है। खास यह कि यह वन्य जीव अभयारण्य अपने प्राकृतिक सौन्दर्य एवं विलक्षणता के लिए विश्व में प्रसिद्ध है।कलिंग घाटी का प्राकृतिक सौन्दर्य निश्चित पर्यावरणीय इन्द्रधनुषी आयाम कहा जाना चाहिए। जी हां, कलिंग घाटी का शानदार एवं सुन्दर परिवेश सदैव सुगंध से लबरेज रहता है। लिहाजा पर्यटक कलिंग घाटी के प्राकृतिक एवं पर्यावरणीय सौन्दर्य पर मुग्ध हो जाते हैं। ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान की प्राकृतिक सुन्दरता का कोई जोड़ नहीं। जी हां, ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान वन्य जीव प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। सैर सपाटा के लिए यह राष्ट्रीय उद्यान एक शानदार पिकनिक स्पॉट भी है। नागरहोल वन्य जीव अभयारण्य को एशियाई हाथियों का आशियाना कहा जाना चाहिए। जी हां, इस शानदार एवं प्राकृतिक सम्पदा समृद्ध अभयारण्य में एशियाई हाथियों की चिंघाड़ वैश्विक पर्यटकों को खास तौर से आकर्षित करती है। शायद इसीलिए नागरहोल वन्य जीव अभयारण्य अपनी खासियत के लिए वैश्विक ख्याति रखता है। 'भारत के अभयारण्य" किशोर एवं युवाओं सहित सभी आयु वर्ग के पाठको के लिए रुचिकर एवं पठनीय होंगे। ऐसा मेरा विश्वास है। 'भारत के अभयारण्य" भारतीय पर्यटन को समर्पित है।
रामेन्द्र सिंह चौहान
आत्म कथ्य/संक्षिप्त परिचय
रामेन्द्र सिंह चौहान... लेखक एवं पत्रकार...।
जन्म तिथि:- 15 जुलाई 1960... स्थान कानपुर।
शैक्षिक योग्यता:- एम. काम छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद से पत्रकारिता एवं जनसंचार में विशारद...।
करीब तीन दशक से पत्रकारिता एवं लेखन क्षेत्र में सक्रिय...। अप्रैल 1992 से राष्ट्रीय सहारा हिन्दी दैनिक में बतौर पत्रकार सेवारत...। कला एवं संस्कृति, साहित्य, जल संसाधन, पर्यावरण-प्रदूषण, धर्म-कर्म, फिल्म समीक्षा, अद्भुत संसार, पर्यटन, वन्य जीवन सामाजिक बिन्दुओं सहित असंख्य विषयों पर निरन्तर लेखों का प्रकाशन जारी....। सम्प्रति में राष्ट्रीय सहारा हिन्दी दैनिक दिल्ली-एनसीआर में वरिष्ठ संवाददाता के पद पर कार्यरत....। इन तीन दशक की पत्रकारिता एवं लेखकीय यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, नई दुनिया, समाज कल्याण, स्वतंत्र भारत, नवभारत टाइम्स आदि इत्यादि समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में लेखों का प्रकाशन....।
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