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Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"बीते लम्हें " समय का कोई वजूद नहीं, मगर महत्त्व बहुत होती है ज़िंदगी में। किसी का साथ, कुछ टूटे ख़्वाब, हर पल हर लम्हें में एक रंग दे जाती है। 50 लेखकों ने अपनी अपनी अंदाज में अपनी कहानी और नज़रिया बताई है।
हम आशा करते है की आप लोगो को पसंद आए।
धन्यवाद
करन यादव "वैदिक आर्य"
करन यादव "वैदिक आर्य" भारत के सबसे प्राचीन और धर्म के क्षेत्र में विशेष महत्त्व रखने वाले शहर बनारस से हैं। इन्हें बचपन से ही शेर और शायरी, कहानी, कविता आदि पढ़ने का शौक है लेकिन इन्होंने 27 जनवरी 2020 से लिखना शुरू कर दिया था। वैदिक आर्य इनका कल्पित नाम है।
इन्हें इनडोर और आउटडोर गेम खेलना बहुत पसंद है और इनको कोडिंग करना भी बहुत पसंद है, इसलिए यह कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन कर रहे हैं। यह बीसीए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन) के द्वितीय वर्ष का छात्र है।
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