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Brahmavidya | Volume 2 / ब्रह्मविद्या | Volume 2

Author Name: Babaji Shivananda | Format: Paperback | Genre : Religion & Spirituality | Other Details

पुस्तक ब्रह्मविद्या (खंड 2) - बाबाजी शिवानंद से 108 दिव्य उद्धरण आत्म-साक्षात्कार, आंतरिक आत्म और मुक्ति की यात्रा के साधकों के लिए है, जिन्होंने पहले से ही ब्रह्मविद्या (आत्म-ज्ञान) की भूमि पर चलना शुरू कर दिया है। बाबाजी के ज्ञान के ये शब्द उन साधकों के लिए साइन-बोर्ड और ज्ञान की दैनिक खुराक हैं जो अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं और आत्म-ज्ञान के प्रत्यक्ष ट्रांसमीटर हैं। बाबाजी शिवानंद इन उद्धरणों पर विचार करने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर अपना आशीर्वाद और दिव्य कृपा बरसाएं।

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बाबाजी शिवानन्द

विश्व गुरू बाबाजी शिवानन्द कांगडा हिमाचल प्रदेश भारत  में निवास करते हैं वो एक सिद्ध पुरुष हैं!बाबाजी को  केवल सत्रह वर्ष की आयु में  ही आत्मबोध हो गया था। उनके जीवन का सर्वोत्तम लक्ष्य है कि उन्हे मानव जाति की चेतना को जगाना है और उसे  उच्च स्तर पर ले कर जाना है !तथा सभी प्राणियों को एकत्रित कर उनका कल्याण करने का शीघ्र ही बोध हो गया था । उनका 
मिशन आपको भीतर की यात्रा पर ले कर जाना है।
अधिक जानकारी shivanandam.org पर उपल्ब्ध है।

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