Share this book with your friends

budhe nar hi narayan hain / बूढ़े नर ही नारायण हैं

Author Name: Babulal Dwivedi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

सावधान! बृद्धावस्था ही सुख दुख की पहिचान है।
जो सचेत करता है सबको वही जरा विज्ञान है।।
देव पितर होकर प्रसन्न देते अनेक वरदान हैं।
घर है स्वर्ग वही जिस घर में बूढ़ो का सम्मान है।
जरा बोध दाता ऋगवेदी जराबोध ऋषि बूढ़ा है।
सदियों ने बस समाधान हित बूढ़े को ही ढूँढ़ा है।।

कुछ कहते हैं यह मेरा है कुछ कहते यह तेरा है।
जो कुछ है उस प्रभु का है ना तेरा है न मेरा है।।
मिला मुझे वह हैै मेरा जो तुझे मिला वह तेरा है।।
अगर जरूरत पडे तुझे तो मेरा भी यह तेरा है।
जिन परिवारों में मानवता है वहाँ समझलो बूढ़ा है।
सदियों ने बस समाधान हित बूढ़े को ही ढूँढ़ा है।।

Read More...
Paperback

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

बाबूलाल द्विवेदी

उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के गांव छिल्ला (बानपुर) में निवास. बानपुर विविधा का प्रधान संपादन एवं बुन्देली काव्य भैया अपने गांव में का प्रकाशन.

Read More...

Achievements

+3 more
View All