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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"तुझे फिर वही सपना आया ना ?" श्वेता आंखे चमका कर खुशी से बोली ।
"कौन सा सपना...? कोई सपना नही आया...! " कहकर खुशी उससे आंखे चुराती हुई आगे चली गई ।
"अरे , वही जिसमे तेरा राजकुमार आता है जो तुझे बारिश मे ले जाता है और तु फाइनली बारिश की बुंदो को छु पाती है...." कहकर श्वेता फिर शरारत से मुस्कुरा दी ।
खुशी , दिखने मे साधारण सी लड़की है , पर असाधारण है , कुछ तो अजीब था उसके साथ , की जब भी वो बारीश की बूंदो को छुने की कोशिश करती बारीश ही थम जाया करती , बरखा से इश्क करने वाली खुशी को कभी उसमे भीगने का ही मौका नही मिला और इसी के चलते कई बार लोग उसे बदनसीब कह देते , और जो पढ़े लिखे समझदार है वो बारीश को ना छु पाने का कारण बस एक संयोग बताते , अब क्या सच था कोई नहीं जानता था , और ना ही खुद खुशी कुछ जानना चाहती थी बस आपनी किस्मत से हर बार यही सवाल करती "आखिर क्यों हुं मै ऐसी , और कोन है वो जो अक्सर मेरे सपने मे आकर मुझे इतनी खुशिया दे जाता है..? "
'बुंदो की छुअन' इस कहानी मे लेखिका (धड़क) ने बारीश को एक नए नजरिए से देखा है , इस कहानी मे पाठक को प्रेम(love) , रहस्य (thrillar) , कल्पना और का अद्भुत मेल पढ़ने को मिलेगा ।
धड़क
धड़क... 'बुंदो की छुअन' की लेखिका जिनका जन्म भारत के ह्रदय ( मध्यप्रदेश ) के छिंदवाड़ा जिले मे हुआ । बचपन मे अक्सर अपनी मां से कहानियां सुनना बहुत पसंद था , और बड़े होते-होते ये रूची लेखन मे बदल गई । बातें करने से अक्सर परहेज करने वाली धड़क को अलग-अलग किरदार मे ढल कर खुद से ही बाते करने और उन्हें जीने की इस आदत ने उन्हे एक लेखिका बनाया है ।
'बुंदो की छुअन' उनकी पहली प्रकाशित पुस्तक है ।
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