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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमाननीय महामहिम राष्ट्रयपति श्री रामनाथ कोविन्द साहेब की जितनी भी तारीफ की जाय वो कम पड़ जायेगा। नम्रता, सहजता, सरलता, सरसता की प्रतिमूर्ति है, आप राष्ट्रीय एकता के प्रतीक है, आप हमारे पिताश्री कृष्ण लोक वासी वी. के. पटवा साहेब के हर सामाजिक क्रान्ति के हर कदम का आपने साथ दिया। कोली, कोरी, कोष्ठी, पान, चैपाल, तांती, तंतुवाय एवं पटवा जो हिन्दू वस्त्रकार हिन्दुस्तानी समाज है को संगठित किया। माननीय महामहिम श्री रामनाथ कोविन्द साहेब ने वी के पटवा साहेब के हर कदम, हर आंदोलन का साथ दिया। माननीय पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह साहेब भी वी के पटवा साहेब के दलित - आदिवासी एवं बैकवार्ड जात आंदोलन का साथ दिया। जब देश में जस्टिस बी. पी. मंडल आयोग का भ्रमण हिन्दुस्तान में हुआ तब भी वी .के. पटवा साहेब अपने मित्र जस्टिस वी. पी. मंडल के साथ थे और हमेशा माननीय कोविन्द साहेब के साथ वैचारिक समन्वय स्थापित कर समस्त हिन्दुस्तान में हिन्दु वस्त्रकार को संगठित कर रहे थे। आखिर नौ करोड़ हिन्दु बुनकरों को एक संगठन एक मुकाम हासिल हुआ। अब 2017 में वी. के. पटवा साहेब का सपना पूर्ण हुआ एवं स्वामी विवेकानंद की सन् 1894 शिकागो संवधर्म सम्मेलन मे कही गई उक्ति भी पूरी हुई। दलित पुत्र श्री रामनाथ कोविन्द साहेब बने भारत के महामहिम राष्ट्रपति।
- जय हिन्द। रवि के पटवा (फिल्म निर्देशक, लेखक, निर्माता) अध्यक्ष, अंबेडकर स्थल।
विजयश्री कमल
श्रीमती विजयश्री का जन्म राधा रानी और महान समाजवादी नेता श्री वी.के.पटवा साहब के दरभंगा जिला के अति प्रतिष्ठित मुसा साह परिवार में हुआ था।
श्रीमती विजयश्री प्रसाद महारानीरामेश्वरी महिला कॉलेज की छात्रा रही हैं।अपना I.Sc और B.A यहाँ से कीं, इस कॉलेज से समाजशास्त्र में ऑनर्स किया। वह अभी भी महाविद्यालय में अपने महान शिक्षकों की स्मृति में डॉ. शिशिर कुमार झा, तत्कालीन प्रधानाचार्य, प्रो ओमना वर्मा, प्रो मंजुला सिन्हा, प्रो सती झा और कृष्णा जी अन्य की याद दिलाती हैं। वह M.R.M कॉलेज दरभंगा की छात्र नेता रही हैं। अपने छात्र जीवन में, वह हमेशा अंतर विश्वविद्यालयीय वाद-विवाद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग ले रही थीं।
वह बिहार में जेपी आंदोलन में अपने माता पिता के संग सक्रिय रही हैं और 2015 व 2020 में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की उम्मीदवार के रूप में 83 - दरभंगा से विधानसभा चुनाव लड़ीं। उन्होंने अपने पिता के दलित स्वराज पार्टी में और उसी की महिला विंग में अपनी मां के साथ सदा अत्यंत सक्रिय रहीं, 2007 में इन्होंने एन.जी.ओ.-गौरव-दलित-स्वराज-महिला-संगठन की स्थापना की समाज के कमजोर, दलितों, पिछड़े वर्गों के, महिलाओं के बहुआयामी विकास मे गतिशील हैं। बिहार ही नही वरण विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, हरियाणा, य़ू.पी.,उड़ीसा् आदि में, विदेश-इन्डोनेशिय़ा में सेवामयी यझ से सक्रिय रहीं हैं।इन्होंने नेपाल, थाइलैंड, इन्डोनेशिया, मलेशिया, सिंगापूर, अमेरिका की यात्रायें की हैं।
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