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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजीवन मंच में हमारे मन में छिपी और दबी हुई प्रेम और विश्वास से तरंगित कई भावनाएं जुड़ी हुई होती हैं। इस पुस्तक में ह्रदय और इसके एहसासों का एक संगम है। जिंदगी के हर एक पड़ाव में हम जो महसूस करते हैं उन्हीं जज़्बातों को शब्दों में पिरोए हुए है ये पुस्तक। आशा है इस पुस्तक में प्रकाशित हर एक लफ्ज़ और उसका एहसास आपके हृदय को छू जाएगा।
लोपामुद्रा पाल
लोपामुद्रा पाल मुंबई शहर की निवासी हैं। इन्होंने अपना स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान में पूर्ण किया है। पिछले दस वर्षों से शिक्षिका भी हैं। इन्हें चित्रकारी का भी काफी शौक है।
इन्होंने महाविद्यालय के समय से ही ओड़िया भाषा में कविताएं रचना करना शुरू किया था। बचपन से ही उनको हिंदी भाषा में अप्रतिम रुचि रही है। ग्यारह साल की उम्र में राष्ट्रभाषा संस्था की तरफ से हिंदी का प्रवेश परिचय और कोविद की परीक्षा में उत्तीर्ण हुई हैं। समय के साथ हिंदी और अंग्रेजी कविताओं में भी पारदर्शिता लाभ की है। यह किताब उनकी दूसरी रचना है। इसके अलावा इन्होंने पचास से भी ज्यादा काव्य संकलनों में अपनी कविताएं दी है। यूट्यूब पर उनके खुद का चैनल में भी काफी कविताएं जैसे "माँ ने कहा", "तेरी तरह से", " खुद का वजूद", "ख़ुशी", "मैं हूँ कि नहीं" को लोगों ने खूब सराहा है।
कविताओं के साथ साथ वह चित्रकला में भी निपुण हैं। और चित्रकला में इनकी निपुणता का आकलन आपको इस पुस्तक के दोनों आवरण देखकर स्वतः ही हो जाएगा। जो की उनके ही द्वारा बनाए हुए हैं और पुस्तक के शीर्षक के साथ भली भांति न्याय करते हैं।
Pen Name - #lopathewriter
Insta Id- lopamudrapal27
Youtube Channel - Lopamudra Pal...
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