"दिल्ली: कभी घर, कभी शहर" उन अनमोल पलों का संग्रह है जब दिल्ली ने हमें घर की तरह महसूस कराया और फिर शहर के रूप में हमारा स्वागत किया। काव्य के रूप में कुछ विचार और स्मृतियाँ शामिल हैं। यह पुस्तक पढ़ने में आनंददायक है उन सभी के लिए जो दिल्ली शहर को घर से जोड़ते हैं। कभी-कभी हमारा घर शहर की सीमाओं के भीतर नहीं, बल्कि शहर के सार में रचा-बसा होता है!