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Dil Ke Sagar Me / दिल के सागर में गीत संग्रह

Author Name: Sushila Shrivastava | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"भावनाएँ भँवर में नहाने लगी

         सियाही में गोते लगाने लगी

         मैं निखरती गयी लहर ऐसी है ये

         ख़ूब शब्दों की नदियाँ बहाने लगी."

मै सुशीला श्रीवास्तव एक कुशल गृहिणी हूँ. मुझे हर  बिषय पर लिखना अच्छा लगता है. पढ़ना लिखना मेरा शौक है. इसलिए मैं अपने मनोभावों को  कभी गीत के रुप में तो कभी ग़ज़ल के रुप में ढ़ाल देती हूँ. मेरे मन के सागर में, शब्दों की लहरें उठती गिरती रहती हैं. जिसे लिखकर मुझे रुहानी सुकून मिलता है. 

     मेरी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है. काव्य संग्रह (नीलगगन) और कहानी संग्रह (प्लेटफार्म). यह तीसरी पुस्तक गीत संग्रह (दिल के सागर में) भी आपको पसन्द आयेगी. इस गीत संग्रह में सामाजिक, पारिवारिक, अध्यात्मिक सभी प्रकार की रचनाओं का सलंगन है.

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सुशीला श्रीवास्तव

मै सुशीला श्रीवास्तव एक कुशल गृहिणी हूँ. मुझे हर  बिषय पर लिखना अच्छा लगता है. पढ़ना लिखना मेरा शौक है. इसलिए मैं अपने मनोभावों को  कभी गीत के रुप में तो कभी ग़ज़ल के रुप में ढ़ाल देती हूँ. मेरे मन के सागर में, शब्दों की लहरें उठती गिरती रहती हैं. जिसे लिखकर मुझे रुहानी सुकून मिलता है. मेरी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है. काव्य संग्रह (नीलगगन) और कहानी संग्रह (प्लेटफार्म).

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