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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकिताब के बारें मे -
श्रुति और अदित्या, दो नाम जो उस एक वन बीएचके फ्लैट के बाहर लगी नेम-प्लेट पर जचे रहते थे... अब जो यह दोनों अलग होने वाले थे तो क्या उस नेम प्लेट के भी आधे टुकड़े करेंगे ?
एक शहरी ज़िंदगी मे उलझे दो लोगों की कहानी, जिनके रिश्ते की शाम तो ढल रही थी, लेकिन फिर भी उम्मीद अभी बाकी थी, क्यूंकी दिन अभी तक ढला नहीं था ।
पराक्रम सिंह
लेखक के बारें मे –
पराक्रम सिंह 26 वर्षीय युवा लेखक हैं, ‘दिन अभी ढला नहीं’ उनकी पहली हिन्दी लघु उपन्यास हैं । शिक्षा से वह कम्प्युटर साइन्स इंजीनियर हैं और लिखने का बेसिक स्क्रीनप्ले राइटिंग कोर्स उन्होने एफ़टीआईआई पुणे के संयोजन से किया है । पेशे से उन्होने बैंग्लोर मे आईबीएम मे आईटी इंजीनियर के तौर काम किया हैं और साथ ही साथ प्रॉफेश्नल कम्प्युटर टीचर भी रह चुके है । लिखने के अलावा उन्हे संगीत मे भी रुचि है और गिटार की तरफ भी उनका झुकाव हैं । अभी वह अपनी अँग्रेजी नावेल पर साथ ही साथ एक औडियो शो पर भी काम कर रहे हैं ।
उनसे जुड़ने के लिए आप उन्हे मेल लिख सकते है –
parakram.fl@gmail.com
या फिर उन्हे इन्सटाग्राम पर भी फॉलो कर सकते हैं –
instagram.com/parakram4
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