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Do Harf Meri Kahani Ke / दो हर्फ़‌ मेरी कहानी के

Author Name: Rana Ujjwal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

एक अरसा लगा था "राना" खुद को बनाने में
चंद पलों में खो दिया किसी और को पाने में

हर एक कविता, ग़ज़ल, नज़्म, शायरी के पीछे एक कहानी होती हैं, और वो लेखक के जीवन से कहीं न कहीं जुड़ी होती हैं। जब लोग उसे पढ़ते हैं तो कहीं न कहीं उनके भी जीवन के किस्से से जुड़ जाता हैं।

मैं राना उज्जवल,IMS Ghaziabad स्नातक अंतिम वर्ष में हूं। ये मेरी किताब "दो हर्फ़‌ मेरे कहानी के" मेरे द्वारा रचित मेरे कविता, ग़ज़ल, शायरीयो का संग्रह हैं। मैंने श्रृंगार तथा वियोग रस‌ में ही अपनी संग्रह लिखी हैं  ये मेरी पहली किताब हैं आशा हैं आप लोगों को पसंद आएगी।

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राना उज्जवल

एक अरसा लगा था "राना" खुद को बनाने में
चंद पलों में खो दिया किसी और को पाने में

हर एक कविता, ग़ज़ल, नज़्म, शायरी के पीछे एक कहानी होती हैं, और वो लेखक के जीवन से कहीं न कहीं जुड़ी होती हैं। जब लोग उसे पढ़ते हैं तो कहीं न कहीं उनके भी जीवन के किस्से से जुड़ जाता हैं।

मैं राना उज्जवल,IMS Ghaziabad स्नातक अंतिम वर्ष में हूं। ये मेरी किताब "दो हर्फ़‌ मेरे कहानी के" मेरे द्वारा रचित मेरे कविता, ग़ज़ल, शायरीयो का संग्रह हैं। मैंने श्रृंगार तथा वियोग रस‌ में ही अपनी संग्रह लिखी हैं  ये मेरी पहली किताब हैं आशा हैं आप लोगों को पसंद आएगी।

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