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Dr. Ambedkar Ka Sandesh / भीम गाथा

Author Name: Ram Ashery | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

भारत रत्न डाक्टर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के जीवन संघर्षों को अक्षरों में बांधना कोई आसान कार्य नहीं ।उन्होंने अपने जीवन में जिन बाधाओं और विपदाओं को हँसते हँसते पार किया और दुनिया को यह दिखा दिया कि संसार की कोई भी बाधा उन्हे उनकी मंजिल को पाने से नहीं रोक सकती है I इनका सारा कार्य करते थे परंतु बदले में उन्हे घृणा ही मिलती थी। हिन्दू साहित्य में तमाम तरह की झूठी बातों को इस तरह से लिखा जिससे इनका समाज में इनका वर्चस्व बना रहे और ऐसा हुआ भी । आजादी के बाद भी देश की सरकारों ने भी कभी मन से उसे मिटाने का प्रयास नही किया । परिणाम आज भी आपके सामने है लोग आज भी भूख और बेबशी का जीवन जीने के लिए बाध्य हैं आज भी ये लोग बिना बिजली पानी के रहने के लिए बाध्य हैं ।  डाक्टर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने  समाज  के पानी से लेकर में मंदिर में प्रवेश के लिए संघर्ष किया । ज्ञान के बल पर सारे विश्व को बता दिया मानव-मानव सभी समान हैं।सभी को शिक्षा का अधिकार,रोजगार करने का अधिकार होना चाहिए।स्वतंत्र भारत के कानून मंत्री बनकर उन्हों ने उन सभी के लिए ,ऐसी व्यवस्था किया जिससे भविष्य में कोई भी शिक्षा से विमुख न रह सके ।आज शिक्षा ने मानव की उन्नति के सारे दरवाजे खोल दिया है। डॉक्टर अंबेडकर जी एक सच्चे देश भक्त, समाज सेवक और भविष्य द्रष्टा थे उन्होने हिंदुओं की उन सभी बुराइयों को समाज के समाने रखने का भरसक प्रयास किया । मैंने अपनी रचनाओं के माध्यम से बाबा साहब भीम राव अंबेडकर जी की गाथा ,वंदना ,गीत, और कविताओं की रचना करने की कोशिश किया है। मुझे आशा है की आप को आनंद की अनुभूति देगी ।

 

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राम आश्रय

संक्षिप्त परिचय :-- जन्म 24 अगस्त 1961 ग्राम सभा एवं पोस्ट कसेन्दा, जिला कोशाम्बी । 

एक गरीब और अशिक्षित परिवार में हुआ पिता जी किसानी करके अपना परिवार चलाते थे घर में हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती । माँ बाप अशिक्षित होने के बावजूद अपने बच्चो की शिक्षा के लिए पूरा प्रयास किया । प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के प्राइमरी स्कूल में पूरी करने के बाद, मध्यमिक शिक्षा के लिए तहसील चायल में श्री लाल बहादुर शास्त्री इंटर कालेज में प्रवेश लिया । मध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, इलाहाबाद विश्व विध्यालय कला संकाय में आगे की शिक्षा के लिए प्रवेश लिया और सफलता पूर्वक स्नातक की परीक्षा 1981 में उत्तीर्ण किया । अध्यापक प्रशिक्षण में प्रवेश लेकर अध्यापक प्रशिक्षण 1986 में पूरा किया और उसके बाद केंद्रीय विध्यालय संगठन में प्राथमिक आधायपक के पद पर नियुक्ति 31 जुलाई 1988 को गोवा संभाग में नियुक्ति हो गई । महावीर महाविध्यालय कोटा, राजस्थान से मैंने प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर किया और  कुछ समय के बाद मैंने केंद्रीय विध्यालय संगठन को छोडकर 18 जनवरी 1992 में परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विध्यालय में सामाजिक विज्ञान अध्यापक विषय के प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुई उसके बाद आज भी सेवार---मुझे English Poetry और हिन्दी में कविता, कहानी लिखने का शौक है मैं अपने खाली समय का सदुपयोग कविता कहानी लिखकर करता हूँ । 

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