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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palएहसास-ए-जिं़दगी नाम से लिखित यह ऊटपटांग चंद पृष्ठ समर्पित है उन तमाम ऐसे व्यक्तित्वों को जो दिल के अन्दर आग लिए बैठ है, लेकिन उपर्युक्त शब्दों के न मिलने से या उपर्युक्त भावों के क्रियान्वित न होने की वजह से उनके दिल के भाव उनके अन्दर ही रह जाया करते है और वह एक घुटन में घुट-घुट कर जीते है और चाह कर भी अपने भावो को उचित आयाम नहीं दे पाते हैं।
उक्त चन्द पृष्ठों में कविता और शायरी के द्वारा एक तालमेल बनाकर कुछ ऐसा कहने का प्रतीत करने का प्रयास किया है जो कुछ-कुछ एहसास-ए-ज़िंदगी को छूने का प्रयास करता हो। लिखने को तमाम फिलॉसफी पड़ी है, कहते है कि जहाँ न पहुंचे रवि वहाँ पहुंचे कवि। लेकिन तमाम अनुभव और दर्दो को समेटते हुए प्रथम बार प्रयास किया है कविता और शेर रूपी चंद पंक्तियों के माध्यम से कुछ कहने का। खामियों का मिलना स्वाभिवक है और अगर खामियां नहीं मिलती है तो फिर मनुष्य की श्रेणी में आने के लायक ही नही बचूंगा इसलिए इसमें आयी खामियों की आलोचना करने के बजाये समालोचनात्मक तरीके से अवगत कराते हुए अपने विचारों को रू-ब-रू करते हुए उचित माध्यम से अपने स्नेह पूर्ण आशीर्वाद प्रदान कीजिएगा
राठौड़ पीयूष "बागी"
उक्त चंद पंक्तियों The author Piyush Rathod, who wrote the above few lines of Ehsaas-e-Zindagi, is known as “Baaghi”. Shri Rathod's educational qualification is M.A., M.Ed., M.S.W. and Shri Rathod has also been honored for social service by the Honorable President's Tax Lotus. Have finished. Several books written by Shri Rathod have already been published. As my life is my learning, “the mirror of the woman”. को लिखने वाले लेखक पीयूष राठौड़ “बागी” के नाम से जाने जाते है श्री राठौड की शैक्षिक योग्यता एम0ए0, एम0एड0, एम0एस0डब्ल्यू0 है और श्री राठौड महामहित राष्ट्रपति महोदय के कर कमलो द्वारा समाज सेवा में सम्मानित भी हो चुकें है। श्री राठौड की लिखी कई दो पुस्तकें पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं। यथा मेरा जीवन मेरी सीख, “दर्पण स्त्री का”।
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