You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
Discover and read thousands of books from independent authors across India
Visit the bookstore"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal"गीतों का beautiful hamper" किताब हिन्दी गीतों का संग्रह है। इस किताब में गीत, बहुत ही सरल भाषा में लिखे गए है। ये किताब भाषा के कंटेंपरेरी रूप को सामने लाती हुई इंग्लिश के कुछ शब्दों का गठबंधन करती है। किताब में जिंदगी के अलग अलग रूप बयान करने की कोशिश की है। हर गीत की शुरुआत से पहले उसकी समरी और इलस्ट्रेशन दी है ताकि गीत को समझने में आसानी हो।
जसप्रीत कौर
मेरा नाम जसप्रीत कौर है। क्वालिफिकेशन में मास्टर्स इन कॉमर्स और बैचलर् ऑफ़ एजुकेशन हूं। वायवसायिक तौर पर एक टीचर हूं। कॉलेज के दिनों से मैं लिखने का शौंक रखती थी। वैसे तो इंग्लिश लैंग्वेज बोलने में हमेशा मुझे कंफर्टेबल लगती है, पर जाने क्यों जब पेन लेकर लिखने बैठती, तो शब्द, हिंदी लेखन की तरफ चल पड़ते। बड़े-बड़े लेखक/ लेखिकाओं, कवि/ कवयित्रियों की रचनाएं जब पड़ती, तो दिमाग, शब्दों के चक्रव्यूह में फंस जाता। शायद हर बार गूगल से उन कठिन हिंदी शब्दों के मीनिंग ढूंढने पड़ते। मैं कुछ ऐसा चाहती थी कि पढ़ कर मजा भी आए और भारी-भरकम शब्दों का बोझ भी ना लगे। जानती थी कि सिर्फ सरल शब्दों में ज्यादा लिखा नहीं जा सकता। पर कुछ ऐसे शब्द यूज़ करना चाहती थी जो कॉन्टेक्स्ट के रेफरेंस से ही अर्थ समझा दें। इसलिए मैंने हिंदी को इंग्लिश के कुछ वर्ड्स के साथ अमाल्गामेट करने की सोची। अपनी लेखनी को बाइलिंगुअल रूप दिया ताकि साहित्य की कंटेंपरेरी नीड्स को पूरा कर सकूं। मुझे पता है के साहित्य दिग्गज मेरी सोच से रुष्ट होंगे। क्षमायाचक हूं। पर लिखने की मेरी यह सोच, दिल से निकली हुई सोच है। चाहती हूं कि आज की युवा पीढ़ी, हिंदी भाषा के कंटेंपरेरी रूप की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करें और भाषा को पूरी तरह लुप्त होने के लिए ना छोड़े
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.