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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकविता अपने आप में पूर्ण नहीं होती है, उसे पूर्ण बनाता है; पाठक! पाठक जब उसे पढता है, उस कविता के हर्फ़-दर-हर्फ़ को अपने जीवन से जोड़ने की कोशिश करता है, अपने अनुभव में उसे ढूंढने की कोशिश करता है, उसे आत्मसात करता है, कविता तब ज्यादा सफल मानी जाती है। कोई भी कविता सिर्फ शब्दों, वाक्यांशों, अक्षरों और वर्णमालाओं से नहीं बनती है, अपितु यह भावनाओं का एक जीवंत संग्रह होती है, जो कवि के अंत: से निकलकर पाठक के मन में समा जाती है।
इस पुस्तक के सम्पादकीय सदस्यों ने वाकई अपनी ईमानदारी का परिचय दिया है। कविताओं को पढ़ते हुए ताजगी का अनुभव होता है। जो लोग समझते हैं कि “आज के युवाओं में संवेदना की कमी हैं उन्हें यह पुस्तक अवश्य पढनी चाहिए”। मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ कि जब आप इस पुस्तक के सफ़र पर निकलेंगे तो एक प्यारा सा जुड़ाव महसूस करेंगे, और कहीं न कहीं ये आपकी अपनी ही बात लगेगी।
और इतनी सुन्दर पुस्तक बनाने के लिए मैं अपने सम्पादकीय सदस्यों और सह लेखको को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ। मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। मेरी शुभकामनाएं आप सभी के साथ है।
-सूरज सिंह
Founder & National President
Kaavyam Publication & Social Welfare Trust
काव्यम
कविता लिखना मतलब अंत:करण से की हुई दैविक साधना! इस साधना से लिखने और पढ़ने दोनों का ही प्रयास अपने आप में एक पूजा हैl जब मन के भाव कलम की स्याही में नहाकर कागज पर उतर कर आते हैं, तब वह एक सार्थक कविता का रूप लेकर लेखक और पाठक दोनों को ही निहाल करती हैl हमारे अनुसार कविता लेखन एक महायज्ञ है जिसके तेज से संपूर्ण वातावरण की शुद्धि होती हैl
ऐसे में हम नवोदित उभरते रचनाकारों को काव्यम के माध्यम से सार्थक मंच देकर, लेखन के महायज्ञ में, साहित्य हित में एक आहुति समर्पित कर रहे हैंl घरौंदा महज एक किताब का नाम नहीं, अपितु यह वास्तव में हमारी एक छोटी सी साहित्यिक कुटिया हैl जिसमें आप सभी सुधि लेखकगण एवं रचनाकारों ने अपनी रचनाओं से मिलकर इसे सजाया है l
इसमें देश के विभिन्न रचनाकारों के काव्य की हर विधाओं, जिन्दगी के छुए-अनछुए पहलुओं की रचनाएं संकलित की गयी हैंl किसी ने प्रेम और श्रृंगार रस को बखूबी कविताओं के माध्यम से समाहित किया है, तो किसी ने ओजपूर्ण व तेजस्वी वाणी से वीर रस को परिभाषित किया हैl इसी प्रकार करुण रस एवं देश-प्रेम से ओतप्रोत रचनाओं का भी पुस्तक में समागम हैl
मूलतः सभी रचनाकारों का उद्देश्य अपनी कलम के माध्यम से अपने विचार पाठक के हृदय तक प्रेषित करना हैl हमें विश्वास है कि जो भी रचनाकार घरौंदा के माध्यम से आए हैं वें नि:संदेह अपने साथ सदा के लिए काव्यात्मक अनुभव प्राप्त करेंगेl वैसे तो हर कवि अपने आप में स्वयं का मार्गदर्शन करता है, किंतु हम आभारी हैं अपने माता-पिता एवं मित्रों तथा प्रिय जनों के जिनकी प्रेरणा एवं प्रोत्साहन हमें और भी बेहतर लिखने को प्रेरित करती हैं l कहते है|
हमारे काव्यम परिवार का उद्देश्य यही है कि नवोदित उभरते रचनाकारों को एक सार्थक मंच प्रदान करना जिससे वह अपनी प्रतिभा को और अधिक निखार सकें इसके लिए हम अपने बड़े भाई सूरज सिंह जी के साथ इसी कार्य में प्रयासरत हैंl
हमने देखा है आजकल के युवा लिखते तो बेहतर हैं किंतु अध्ययन कम करते हैंl ऐसे युवाओं को हमारा सुझाव यह है कि आप सभी प्रतिभाशाली सुधि लेखकगण लिखने के साथ ही पढ़ने पर भी अधिक बल दें, इससे आपका काव्यात्मक अनुभव एवं प्रतिभा और अधिक निखर कर सामने आएगाl
लिखो कुछ ऐसा जो बने प्रमाण
उदाहरण ऐसा गढ़ जाओ”
नई पीढ़ी के रचनाकारों के लिए हम प्रयासरत हैं कि इन्हें नई उड़ान दें, उड़ने के लिए इनके पास काव्य रूपी पंख तो हैं, किंतु इन्हें काव्यम मंच रूपी खुला आसमान देंl इसी संदर्भ में हम काव्यम पब्लिकेशन के माध्यम से अनेक काव्य संग्रह प्रकाशित करते रहते हैंl हमारी यही योजना एवं संकल्प है कि आगे भी आप जैसे सुधि लेखकगण एवं रचनाकारों को हमारे मंच के माध्यम से अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर प्राप्त हो एवं अपनी कलम के माध्यम अपने विचारों को और भी
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