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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकविताये , ये मेरी अनुभूति है जीवन की स्मृति है यही मेरा अंत और यही मेरी इति है। यह किताब ऐसी कवितायों का संगम है जिसमे संघर्ष के समय की अनुभूति तथा संघर्षो से लड़ने के लिये प्रेरणा भी है । कुल 9 कवितायों का संग्रह है । जीवन के उतार चढाब को बड़े ही मार्मिक ढंग से साधारण भाषा का उपयोग करते हुए व्यक्त किया गया है ।
ओम प्रकाश झा "गुरु जी"
ओम प्रकाश झा एक शिक्षक है । इसीलिये लोग इनको प्यार से "गुरु जी" बुलाते है। बिहार के मुजफ्फरपुर में शिक्षण के साथ साथ अपने विद्यार्थीयो को जीवन में सफल होने के लिये प्रेरित भी करते है
अपने जीवन के हरेक पल के अनुभूति को सहेजकर साधारण भाषा का उपयोग करते हुए कविता के माध्यम से लोगो तक़ अपनी बात पहुचाने की छमता है इनमे। अपने जीवन के उतार चढ़ाव में खुद को खुद की कविता से प्रेरित करना इनकी उपलब्धि है। इनके कविता में सामान्य जीवन की स्पस्ट झलक दिखाई पड़ती है। इनके कविता में आम आदमी को भी झकझोर कर रख देने की छमता है ।
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