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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palजन्मदिन मुबारक हो !
आप सब यही सोच रहे होंगे की मैंने जन्मदिन मुबारक क्यों कहा बिल्कुल आज आपका जन्मदिन है क्योकी किसी भी इंसान के दो जन्म होते है एक जन्म होता है उसके शरीर का जो माता के गर्भ से होता है लेकिन दूसरा जन्म होता है उसकी आत्मा का उसकी चेतना का उसके विवेक का उसके आत्म ज्ञान का और आज आपका वही दूसरा जन्म है इसलिए एक बार फ़िर आपको इस नए जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ऐसा मैंने इसलिए कहा क्योकी इस किताब को पूरा पढ़ लेने के बाद आपकी सोच आपके ज्ञान और आपके विवेक में एक परिवर्तन ज़रूर आयेगा जो आगे चलकर व्यवहारिक ज्ञान का रूप लेगा क्योकी वर्तमान समय में नई पीढ़ी को व्यवहारिक ज्ञान नही मिल पा रहा है और इसका कारण माता पिता के पास समय का अभाव है और नई पीढ़ी और बुज़ुर्ग लोगो के बीच की दूरी है क्योकी जो ज्ञान हमे बुज़ुर्ग लोगो के पास बैठकर मिलेगा वो दुनिया की किसी किताब में नही मिलेगा क्योकी ज़मीन से बहुत अधिक संख्या में अपने अंडे लेकर बिलो से बाहर निकलती हुई चीटीयों को देखकर ये बता देना की आज तेज़ हवा के साथ बारिश आयेगी ये केवल अनुभव से ही आ सकता है कही और से नही इसलिए हमे कुछ पुराने लेखकों पुराने दार्शनिकों द्वारा लिखी गयी किताबों को पढ़ना चाहिए और अपने बच्चों को भी पढ़ाना चाहिए क्योकी जो ज्ञान उन लोगो के पास था वो ज्ञान वो अपने साथ नही ले गये वो ज्ञान उन्होनें अपनी किताबों में हमारे लिए छोड़ दिया ताकी हम उस ज्ञान को उनकी किताबों के द्वारा ग्रहण कर सके और अपनी व्यवहारिकता को बढ़ा सके | इस किताब में भी जो लिखा गया है वो मेरे अनुभव, मेरा मंथन और बुज़ुर्गों से लिए ज्ञान पर ही आधारित है
कृष्ण उपाध्याय
इस पुस्तक के लेखक का नाम कृष्ण उपाध्याय है जिनका जन्म 11 अगस्त 1994 को जन्माष्टमी के दिन उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक सुंदर नगर दौराला में हुआ था । कृष्ण उपाध्याय अपने तीन बहनों के बाद सबसे छोटे है बचपन एक गरीब परिवार में बीता लेकिन इनके पिता श्री शिवदयाल जी और माता सुशीला देवी ने कभी इन्हे ये एहसास नहीं होने दिया और अपने सभी बच्चो को ऊंची शिक्षा दिलाई । कृष्ण उपाध्याय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने नगर दौराला से ही पूरी की इसके बाद इन्होंने Bsc की शिक्षा देवनागरी महाविद्यालय कॉलेज मेरठ से प्राप्त की , JP School Of Business से इन्होंने MBA में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा वर्तमान में भी इनका अध्ययन कार्य जारी है ।
बचपन से ही उन्हें किताबे पढ़ने और कविताएं , लेख, कहानी और अन्य रचनाओं को लिखने का शोक रहा साथ ही कृष्ण उपाध्याय ने एक समाज सेवा को समर्पित संगठन भी बनाया जिसका नाम "उम्मीद परिवार चैरिटेबल ट्रस्ट"है जिसके ये संस्थापक और अध्यक्ष है जिससे ये जरूरतमंदों की सहयता भी करते है । इन्होंने अनेकों वाद विवाद प्रतियोगिता , काव्य प्रतियोगिता आदि में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया है साथ ही साथ इनके द्वारा लिखे गए अनेकों लेख "दैनिक जागरण"अखबार में भी प्रकाशित हो चुके है ।
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