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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal'समुद्र की मुन्नी" जी हां, डॉल्फिन को समुद्र की मुन्नी कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। डॉल्फिन भले ही जल चर हो लेकिन मनुष्यों के साथ डॉल्फिन का कार्य-व्यवहार दोस्ताना होता है। विशेषज्ञों की मानें तो डॉल्फिन का विश्वास व सोच मनुष्यों की भांति ही होता है।सॉफ्ट टॉयज दुनिया का बबुआ 'पांडा" । जी हां, पांडा को सॉफ्ट टॉयज दुनिया का बबुआ कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी क्योंकि बच्चों के खिलौनों में पांडा खेल-खिलौने की शक्ल में अवश्य पाया जाता है। 'ऊदबिलाव" की उछल कूद देख कर खास तौर से बच्चे बड़े खुश होते हैं क्योंकि ऊदबिलाव कभी पानी में गोता लगाते हुये दिखेगा तो कभी पिछले दोनों पैर पर खडे़ होकर इधर-उधर ताकते-झांकते दिखेगा। यूं कहा जाये कि ऊदबिलाव अपने में मस्त रहने वाला जन्तु है तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। 'वॉटर हार्स" जी हां, इसे 'वॅाटर हार्स" कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी क्योंकि पानी-जलाशय-झीलों में इसकी अश्व शक्ति को सहजता से देखा व अनुभव किया जा सकता है। जी हां, दरियाई घोड़ा में गजब की ताकत होती है। 'हिम तेंदुआ" एक खूबसूरत व प्यारा वन्य जीव पर बेहद खतरनाक। जी हां, 'हिम तेंदुआ" कम खतरनाक नहीं होता। उसकी शक्ल-ओ-सूरत देख कर एक पल को आप उससे प्यार करने लगेंगे लेकिन उसका फुर्तीलापन व शिकारी तेवर देख आपको एहसास होगा कि उससे दूर रहना ही मुनासिब होगा। 'हिम तेंदुआ" बर्फीले इलाके का बेहद शर्मीला जीव होता है। 'जीव जन्तु जगत" किशोर एवं युवाओं सहित सभी आयु वर्ग के पाठको के लिए रुचिकर एवं पठनीय होंगे। ऐसा मेरा विश्वास है। 'जीव जन्तु जगत" पर्यटन एवं जीव जन्तु जगत को समर्पित है।
रामेन्द्र सिंह चौहान
आत्म कथ्य/संक्षिप्त परिचय
रामेन्द्र सिंह चौहान... लेखक एवं पत्रकार...।
जन्म तिथि:- 15 जुलाई 1960... स्थान कानपुर।
शैक्षिक योग्यता:- एम. काम छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, हिन्दी साहित्य सम्मेलन इलाहाबाद से पत्रकारिता एवं जनसंचार में विशारद...।
करीब तीन दशक से पत्रकारिता एवं लेखन क्षेत्र में सक्रिय...। अप्रैल 1992 से राष्ट्रीय सहारा हिन्दी दैनिक में बतौर पत्रकार सेवारत...। कला एवं संस्कृति, साहित्य, जल संसाधन, पर्यावरण-प्रदूषण, धर्म-कर्म, फिल्म समीक्षा, अद्भुत संसार, पर्यटन, वन्य जीवन सामाजिक बिन्दुओं सहित असंख्य विषयों पर निरन्तर लेखों का प्रकाशन जारी....। सम्प्रति में राष्ट्रीय सहारा हिन्दी दैनिक दिल्ली-एनसीआर में वरिष्ठ संवाददाता के पद पर कार्यरत....। इन तीन दशक की पत्रकारिता एवं लेखकीय यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सहारा, हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, नई दुनिया, समाज कल्याण, स्वतंत्र भारत, नवभारत टाइम्स आदि इत्यादि समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में लेखों का प्रकाशन....।
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