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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकहते हैं हमें सब रिश्ते पहले से बने बनाये मिलते हैं पर साथ ही एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे हम ख़ुद चुनते हैं और वो होता है दोस्ती का रिश्ता। दोस्ती जिसका नाम सुनते ही एक सुकून का एहसास होता है। दोस्ती सिर्फ़ दोस्ती नहीं होती एक नये एहसास के साथ-साथ, एक नये सफ़र का दूसरा नाम होती है। दोस्ती में प्यार के जैसी ही तड़प होती है, तड़प एक-दूसरे से मिलने की, एक-दूसरे के साथ वक़्त बिताने की, हजारों बेमतलब की बातें एक-दूसरे को सुनाने की, एक-दूसरे को नये नये अतरंगी नाम लेकर चिढ़ाने की, अपनेपन के एहसास के साथ-साथ एक-दूसरे की भावनाओं को समझने-समझाने की, दूर होते हुए भी पास होने का एहसास दिलाने की, हर उल्टी-सीधी हरकतों में अपनी हिस्सेदारी दिखाने की और सबसे जरूरी एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए एक-दूसरे पर हक जताने की। यह पुस्तक केवल स्वरचित लेख से सुशोभित नहीं है बल्कि इसमें हमने संजोया है सभी लेखिकाओं और लेखकों के खूबसूरत एहसासों को जो उन्होंने अपनी दोस्ती में जीए हैं। उम्मीद है आप सभी पाठको को हमारे लेख पसंद आये।
धन्यवाद।
रूपाली साहू एवं विजय सिंह पँवार
रूपाली साहू 'धान का कटोरा' कहे जाने वाली देवभूमि छत्तीसगढ़, राजनांदगांव की मूल निवासी हैं। इन्हें नृत्य करने का शौक है और लेखन तो इनका हमेशा से पसंदीदा रहा है। इन्होंने दो पंक्ति की शायरी, ग़ज़ल, कविता विधा में अनेक रचनाएँ लिखी है, इनका शब्द संधान बहुत ही कमाल का है। अपने एहसासों को किसी के समक्ष व्यक्त ना कर पाने पर इन्होंने लेखन को अपना माध्यम चुना अपनी बातों को लोगों तक पहुँचाने के लिए । इंस्टाग्राम-@_alfaazdilke_
विजय सिंह पँवार देवभूमि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के रहने वाले हैं तथा इन्होंने यहीं से बचपन से लेकर अब तक सारी शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की। यह रुद्रप्रयाग जिले के सुदूर गाँव गौंडार के मूल निवासी हैं जो कि द्वितीय केदार श्री मध्यमहेश्वर महादेव का स्थान है। इन्होंने दो पंक्ति के शेर, चार पंक्ति की शायरी, लघु कविता, कविता, ग़ज़ल विधा में अनेक रचनाएं लिखी हैं। और वह अपनी एकल पुस्तक प्रकाशित करवा चुके हैं जिसका नाम “मेरी ज़िन्दगी के किस्से” है। इंस्टाग्राम @shayari_motivation_kavitayen
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