Share this book with your friends

Kathya Akathya / कथ्य अकथ्य Kathetar Gadya Rachnao Ka Sankalan

Author Name: Dr. Arti 'lokesh' | Format: Paperback | Genre : Educational & Professional | Other Details

गद्य-साहित्य पर शोधरत विद्यार्थी जानते हैं कि मात्र उपन्यास, कहानी, लघुकथा और नाटक ही गद्य नहीं हैं। गद्य का क्षितिज कथा-साहित्य के आकाश और कथेतर साहित्य की धरा के मिलन से बनता है। आकाश सरलता से दिखाई देता है और धरा के नग अनचीह्ने रह जाते हैं। कथा से इतर वे कथनीय कहन के उद्गार समय की परतों में अकथनीय बन ‘कथ्य-अकथ्य’ पुस्तक में अवतरित हुए हैं। 

‘कथ्य अकथ्य’ में ऐसे 30 से अधिक आलेख संग्रहीत हैं जो गद्य की अलग-अलग कथेतर विधाओं के अंतर्गत आते हैं। । पुस्तक स्मृतिशेष लेखिका डॉ. आरती ‘लोकेश’ की प्रिय सखी डॉ. उदीशा शर्मा को समर्पित है। डॉ. सुमन राठी, हिंदी प्रोफ़ेसर, बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय ने इस पुस्तक की भूमिका लिखी है। 

कथेतर रचनाओं का संकलन होने के कारण विषयवस्तु के चयन में बहुत सावधानी बरती गई है। ‘कथ्य-अकथ्य’ में संकलित करने के लिए ध्यानपूर्वक कथेतर गद्य की अनेक विधाओं की एक-एक रचना का चयन किया गया है। इसमें रेखाचित्र, संस्मरण, शोध-आलेख, शोध-निबंध, व्यंग्य, हास्य, रिपोर्ताज, समीक्षा, मीमांसा, डायरी, पत्र, साक्षात्कार, सम्पादकीय, समाचार, संवाद आदि सबकी रचनाएँ लेने का प्रयास किया है। इसके अतिरिक्त पुस्तक भूमिका, विवेचना, टिप्पणी, अनुच्छेद, अशुभाषण आदि को भी स्थान दिया है। यात्रा-वृत्तांत की अलग पुस्तक ‘पाँव ज़मीं पर’ निर्माणाधीन है। अनावश्यक दोहराव से बचना इस पुस्तक का प्रमुख उद्देश्य है। आशा है गद्यध्येताओं के लिए यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।

Read More...
Paperback
Paperback 299

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

डॉ. आरती 'लोकेश'

डॉ. आरती ‘लोकेश’ ने अंग्रेज़ी साहित्य मास्टर्स में कॉलेज में द्वितीय स्थान तथा हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर में यूनिवर्सिटी स्वर्ण पदक प्राप्त किया व हिंदी साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि हासिल की। तीन दशकों से शिक्षाविद डॉ. आरती ‘लोकेश’ शारजाह में वरिष्ठ प्रशासनिक अध्यक्ष हैं साथ ही साहित्य की सतत सेवा में लीन हैं। 

बीस वर्षों से दुबई में बसी डॉ. आरती ‘लोकेश’ द्वारा रचित 10 पुस्तकें प्रकाशित हैं। दो उपन्यास ‘रोशनी का पहरा’, ‘कारागार’, तीन काव्य-संग्रह ‘काव्य रश्मि’ ‘छोड़ चले कदमों के निशाँ’, ‘प्रीत बसेरा’ तथा दो कहानी संग्रह ‘साँच की आँच’ व ‘कुहासे के तुहिन’, यात्रा-संस्मरण ‘झरोखे’ भी बहुत चर्चित  हुए हैं। उपन्यास ‘ऋतम्भरा के सौ द्वीप’ प्रकाशनाधीन है। शोध ग्रंथ ‘रघुवीर सहाय का गद्य साहित्य और सामाजिक चेतना’ से बहुत से शोध-छात्र लाभ उठा रहे हैं। इनके साहित्य पर पंजाब व हरियाणा के विश्वविद्यालय में शोध कार्य किया जा  रहा है। 

डॉ. आरती ‘लोकेश’ यू.ए.ई. के बच्चों की पहली पुस्तक ‘होनहार बिरवान’ की संकलेता, प्रणेता व संपादक हैं। यू.ए.ई. के रचनाकारों की पहली हिंदी पुस्तक ‘सोच- इमाराती चश्मे से’ तथा ‘डॉ. अशोक कुमार मंगलेश : काव्य एवं साहित्य चिंतन’ की संपादक हैं। रेडियो ‘मेरी आवाज़’ द्वारा विश्व की 101 प्रभावशाली महिलाओं में नाम आया है। 

पत्रिकाओं व पुस्तकों के संपादन तथा शोधार्थियों को सह-निर्देशन का कार्यभार भी सँभाला हुआ है। टैगोर विश्वविद्यालय के ‘विश्वरंग महोत्सव’ की यू.ए.ई. निदेशिका हैं। ‘विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस’ की यू.ए.ई हिंदी दिवस 2021 की समन्वयक हैं। ‘श्री रामचरित भवन ह्यूस्टन’ की सह-संपादिका तथा ‘इंडियन जर्नल ऑफ़ सोशल कंसर्न्स’ की अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रीय संपादक हैं। प्रणाम पर्यटन पत्रिका की विशेष संवाददाता यूएई हैं। 

उनकी कहानियाँ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं  ‘शोध दिशा’, ‘इंद्रप्रस्थ भारती, ‘गर्भनाल’, ‘वीणा’, ‘परिकथा’, ‘दोआबा’ तथा ‘समकालीन त्रिवेणी’, ‘साहित्य गुंजन’, ‘संगिनी’, ‘सृजन महोत्सव’, ‘विश्वरंग’, ‘21 युवामन की कहानियाँ’, ‘कथारंग’  तथा ‘सोच’ में प्रकाशित हुई हैं। आलेख: ‘खाड़ी तट पर खड़ी हिंदी’ ‘हिंदुस्तानी भाषा भारती’ तथा सांस्कृतिक आलेख  ‘वीणा’ में जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। यात्रा संस्मरण-  ‘प्

Read More...

Achievements

+6 more
View All