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Kavitaon Ki Vani / कविताओं की वाणी

Author Name: Gaurav Hindustani | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

कविताओं की वाणी सिर्फ एक पृष्ठों का गुच्छा नहीं है यह एक ऐसा पवित्र समागम है जिसमें साहित्य के नवीन रत्नों ने अपने शब्दों, अपनी भाषा तथा अपनी भावनाओं के माध्यम से समस्त कविताओं को सजीव कर दिया है |
मुझे बहुत हर्ष हो रहा है कि मैंने इन साहित्य रत्नों को कविताओं की वाणी रुपी पुस्तक माला में पिरो लिया है जिनके बिना यह पुस्तक कल्पना मात्र बनकर रह जाती |

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गौरव हिन्दुस्तानी

नाथ नगरी, बरेली ( उत्तर प्रदेश ) के रहने वाले कवि की काव्य यात्रा कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने के बाद प्रारम्भ हुयी | लेखन और शिक्षा की ओर विशेष रूचि होने के कारण बाद में बी.एड. की डिग्री प्राप्त की तथा उसी दौरान पहला काव्य-संग्रह "तेरी प्रीति प्रिय" प्रकाशित हुआ | जिसकी रचनाओं ने पाठकों के हृदय को खूब स्पर्श किया | पाठकों के स्नेह और प्रेम से प्रोत्साहित होकर गौरव हिन्दुस्तानी का दूसरा काव्य-संग्रह "अलंकृत कविताएँ" प्रकाशित हुआ | हिंदी साहित्य को नये आयाम देने के लिए एक नया मंच स्वर्णिम साहित्य भी प्रारम्भ किया है जिसमें रचनाकरों की कलम को सादर आमन्त्रित किया जाता है |

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