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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकाव्य धारा, कविताओं का ऐसा संकलन है जिसमें भारत के भिन्न भिन्न राज्यों के रचनाकारों की स्वर्णिम रचनाएँ सम्मिलित हैं | लगभग प्रत्येक राज्य की शब्द सरिता काव्य धारा में प्रवाहित हो रही है | यदि कोई साहित्य प्यासा यत्र तत्र कविता रुपी जलमाला खोज रहा है तब वह काव्य धारा का शब्द रुपी पान कर सकता है ; निसंदेह वह किसी अमृत वाणी के पान का अनुभव करेगा |
काव्य धारा की किसी रचना में नवीन रचनाकारों की नादानियाँ, अठखेलियां झलकतीं प्रतीत होंगी तो कहीं किसी रचना में अनुभवी साहित्यकारों ने अपने जीवन के गूढ़ ज्ञान को दर्शाया है | कहीं किसी कवयित्री की वेदना, बेबसी, उदासी भरी रचना है तो कहीं किसी पृष्ठ पर कवि का मर्म, हर्ष दिखाई देता है | कोई रचना प्रेम के उल्लास मना रही है तो कोई रचना अपनी उदासी छुपाने को लाचार प्रतीत होती है
स्वर्णिम साहित्य
नाथ नगरी, बरेली ( उत्तर प्रदेश ) के रहने वाले कवि की काव्य यात्रा कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने के बाद प्रारम्भ हुयी | लेखन और शिक्षा की ओर विशेष रूचि होने के कारण बाद में बी.एड. की डिग्री प्राप्त की तथा उसी दौरान पहला काव्य-संग्रह "तेरी प्रीति प्रिय" प्रकाशित हुआ | जिसकी रचनाओं ने पाठकों के हृदय को खूब स्पर्श किया | पाठकों के स्नेह और प्रेम से प्रोत्साहित होकर गौरव हिन्दुस्तानी का दूसरा काव्य-संग्रह "अलंकृत कविताएँ" प्रकाशित हुआ | हिंदी साहित्य को नये आयाम देने के लिए एक नया मंच स्वर्णिम साहित्य भी प्रारम्भ किया है जिसमें रचनाकरों की कलम को सादर आमन्त्रित किया जाता है |
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